हरियाणा पुलिस का सबसे बड़ा एनकाउंटर : 13 मिनट चली मुठभेड़ में बदमाशाें ने पुलिस पर किए 24 फायर, पुलिस ने 19 गाेली दाग किए तीन गैंगस्टर ढेर
- हरियाणा में 2000 से 2024 के बीच दहशत का पर्याय बने हिमांशु भाऊ गैंग पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई
- इनपुट मिला था कि यूपी से दिल्ली होते हुए खरखौदा के बाद गोहाना जाएंगे बदमाश
- दिल्ली पुलिस दिन में 3.35 खरखौदा रवाना हुई , सोनीपत एसटीएफ की मदद ली तो इंस्पेक्टर योगेंद्र अपनी टीम के साथ बदमाशों की गाड़ी के सामने आए
सोनीपत।
दहशत का पर्याय बन चुके हिमांशु भाऊ गैंग के तीन शार्प शूटर 12 जुलाई 2024 की रात को खरखौदा क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में ढेर हुए। एक इनपुट पर अलर्ट हुई दिल्ली व सोनीपत पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर ऐसा जाल बिछाया की बदमाश भाग न सके। घिरे तीनों बदमाशों ने पुलिस पर 24 से अधिक फायर किए। जवाब में पुलिस टीम ने 19 गोलियां चलाई और तीनों बदमाश ढेर हो गए। बदमाश सफेद रंग की कार में सवार थे। हिमांशु विदेश से गैंग चला रहा था और कई गैंग आपस में मिलकर प्रदेश में व्यापारी व नेताओं से रंगदारी मांगने, फायर कर दहशत फैलाने और हत्या जैसे जघन्य अपराध करते थे। एनकाउंटर में एक दिन बाद थाइलैंड से राकेश उर्फ काला खैरमपुरिया को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया।
दिल्ली क्राइम ब्रांच लंबे समय से हिमांशु भाऊ के संगठित आपराधिक गतिविधियों को लेकर नजर रख थी। आरोपियों को पकड़ने के लिए दिल्ली एनसीआर व हरियाणा क्षेत्र में उनकी टीम ने काफी मुखबिर तैनात किए गए। 12 जुलाई को गुप्त सूचना मिली कि थारा राजौरी गार्डन क्षेत्र के बर्गर किंग पर हुए अमन हत्याकांड में वांछित अपराधी आशीष उर्फ लालू , विकास उर्फ विक्की व इनका एक साथी सफेद रंग की किया सेल्टोस में सवार होकर यूपी से दिल्ली ओर इसके बाद खरखौदा होकर गोहाना जाने वाले हैं ओर आरोपी किसी की हत्या कर सकते हैं। या किसी जगह पर फायरिंग भी कर सकते हैं। यह सूचना मिलते ही दिल्ली आरके पुरम क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर रामपाल ने अपने आला अधिकारी डीसीपी क्राइम अमित गोयल व एसीपी उमेश बड़थ्वाल को सूचित किया। उन्होंने कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
--
टीम गठित करके दिन में 3.35 खरखौदा के लिए रवाना हुए
अधिकारियों के निर्देश मिलते ही टीम में सब इंस्पेक्टर मुकेश, सब इंस्पेक्टर हेमन्त, सब इंस्पेक्टर प्रमोद, एएसआई नरेंद्र एएसआई अमित गुलिया, एएसआई अमित सिंधु ,एएसआई ओमबीर , एएसआई संजय , हेड कांस्टेबल धर्मेन्द्र सहित अन्य शामिल किया गया। सभी असला व बीपी जोकेट से लैसे हुए। इसके बाद सरकारी गाड़ी व प्राइवेट गाड़ियों से दिल्ली से खरखौदा के लिए दिन में 3.35 मिनट पर रवाना हुए। उन्होंने एसटीएफ सोनीपत इंचार्ज योगेंद्र को प्राप्त इनपुट के बारे में जानकारी दी और सोनीपत एसटीएफ को खरखौदा गोहाना के आसपास मिलने को कहा था। तभी उन्हें डीसीपी अमित व एसीपी उमेश के भी खरखौदा के लिए रवाना होने की जानकारी मिली। उनकी टीम इसके बाद लगातार दो घंटे तक दिल्ली-खरखौदा व नजफगढ़ के बीच सूचना पर संदिग्ध गाड़ी की तलाश करते रहे।
साढ़े सात बजे सोनीपत पुलस से मिली दिल्ली क्राइम ब्रांच टीम
दिल्ली क्राइम ब्रांच से इंस्पेक्टर रामपाल ने बताया कि शाम साढ़े सात बजे इंस्पेक्टर योगेंद्र एसटीएफ इंचार्ज सोनीपत अपनी टीम के साथ उन्हें सरकारी स्कार्पियों गाड़ी में खरखौदा में मिले। इसके बाद उन्हें सारे इनपुट सांझा किए। इसके बाद दोनों टीमों ने खरखौदा क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया। कुछ देर बाद ही उन्हें सूचना मिली कि संदिग्ध सफेद रंग किया सेल्टोस गाड़ी मटिंडू से छिनौली होते हुए रोहतक रोड की तरफ निकेगी। इंस्पेक्टर योगेंद्र अपनी टीम के साथ रोहतक बाईपास पर ही था। उसने तुरंत इंस्पेक्टर योगेंद्र को छिनौली से रोहतक रोड को कवर करने के लिए कहा। जबकि वह तेजी से अपनी टीम के साथ मटिंडू छिनौली रोड पर पहुंचा। कुछ देर में उन्हें छिनौली गांव से संदिग्ध किया सेल्टोस गाड़ी निकलती हुए दिखाई दी। सोनीपत एसटीएफ को रोहतक रोड की तरफ गाड़ी कवर करने को कहा गया।
सामने से पुलिस पार्टी को आता देखकर बदमाशों ने खेतों के रास्ते पर उतार दी गाड़ी
इंस्पेक्टर रामपाल ने बताया कि छिनौली गांव से निकलने के बाद बदमाश गाड़ी लेकर करीब आधा किलोमीटर चले होंगे कि आगे से सोनीपत एसटीएफ की गाड़ी देखकर आरोपियों ने खेतों के रास्ते पर अपनी गाड़ी को उतार दिया ओर पुलिस पार्टी पर तीन आरोपी फायरिंग करते हुए निकले। आरोपी पुलिस पार्टी पर लगातार फायर करते रहे। उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी से उतरकर आरोपियों को कवर कर लिया। आरोपी फायर करते रहे, लेकिन उन्होंने बचाव करते हुए आरोपियों को जाेर-जोर से आवाज लगाई कि वह सरेंडर कर दें ओर फायरिंग रोक दे। लेकिन आरोपियों ने पुलिस पार्टी पर सीधे फायर करना जारी रखा। इसके बाद पुलिस पार्टी ने जवाबी कार्रवाई शुरू की।
डीसीपी व एसीपी की जोकेट पर लगी गोली
पुलिस ने आरोपियों पर जवाबी कार्रवाई तेज की तो बदमाशों ने हमला तेज कर दिया। इस दौरान दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल व एसीपी उमेश की बुलेट प्रफू जाकेट में एक-एक गोली लगी। पुलिस टीम थोड़ी संभली। तभी आरोपियों की गोली से उप निरीक्षक अमित की जांघ में लगी। जबकि एक फायर उसके कान के पास से गया ओर वह बाल-बाल बच गया।
डीसीपी ने तीन व एसीपी ने पांच गोली चलाई
- इंस्पेक्टर रामपाल ने बताया कि बदमाशों को घेरने के बाद मैंने चार, डीसीपी अमित गोयल ने तीन, एसीपी उमेश ने पांच, उप निरीक्षक अमित ने तीन, जवान नरेंद्र ने चार फायर अपनी सरकारी पिस्टल से 9एमएम के किए।
बदमाशों की तरफ से फायरिंग बंद हुई तो पुलिस टीम उनके पास पहुंची
इंस्पेक्टर रामपाल ने बताया कि बदमाशों की तरफ से फायरिंग रुक गई। तभी उन्हें आरोपी जमीन पर गिरे हुए दिखाई दिए। इसके बाद टीम धीरे-धीरे आरोपियों के पास पहुंची। ड्राइवर साइड में गिरे आरोपी ने अपना नाम विकास उर्फ विक्की बताया। आरोपी ठीक से बोल नहीं पा रहा था। जबकि दूसरा आरोपी गाड़ी के बाई तरफ पीछे पड़ा हुआ था। आरोपी ने अपना नाम सन्नी गुर्जर बताया ओर चुप हो गया। तीसरे आरोपी के पास जब टीम पहुंची तो वह बोल नहीं पा रहा था। फोटो की मदद से आरोपी की पहचान आशीष उर्फ लालू विक्की के पास एक पिस्टल जमीन पर पड़ी थी। बाकि दोनों आरोपियों के पास दो-दो पिस्टल पड़ी थी।
आरोपियों की तरफ से करीब 24 गाेलियां चलाई गई
एसटीएफ इंस्पेक्टर योगेंद्र ने बताया कि आरोपियों की तरफ से 24 से अधिक गोलियां चलाई गई। मौके से करीब 24 खोल मिले। तीनों के पास ऑटोमेटिक हथियार मिले हैं। सन्नी गुर्जर को, विक्की रिढ़ाना व आशीष को कई-कई गोली लगी।


टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें