यहां होती है ताश की अनोखी प्रतियोगिता, 50 से अधिक गांवों से लोग लेते हैं हिस्सा
- फरमाणा में हर साल होती है बड़े स्तर पर ताश प्रतियोगिता
- अकसर मनोरंजन के माध्यम ताश को बड़ी प्रतियोगिता में बदला
- वर्षीय प्रणब बर्धन और 56 वर्षीय शिबनाथ सरकार ने चीन को मात देकर इस खेल में एशियाड इतिहास का पहला गोल्ड मेडल जीता।
जितेंद्र बूरा . सोनीपत
ताश का खेल तो घरों और मोहल्ले में खेलते देखा होगा। मनोरंजन के इस खेल को हरियाणा के फरमाणा गांव में बड़ी प्रतियोगिता में बदल दिया है। ताश की शीप खेल की प्रतियोगिता में सानीपत, जींद, रोहतक जिले के कई गांवों से 50 टीमों ने भागीदारी देते हैं। हर साल मकर सक्रांति से पहले यह प्रतियोगिता होती है। गांव की चौपाल की छत और परिसर में ताश खेलने वालों की अनेक टोलियां बन जाती हैं। सुबह से लेकर प्रतियोगिता देर शाम तक तक चलती है।
गांवों में कई दिन से इस प्रतियोगिता का मौखिक व सोशल माध्यम से भी प्रचार होता है। सुबह से ही गांव में अलग-अलग गांवों के ताश खेलने वाले लोग गाड़ियों, बाइक में पहुंचने लगते हैं। एक टीम में दो सदस्य लिए जाते हैं। हर टीम की बाकायदा रजिस्टर में इंट्री करवाकर ड्रा के तौर पर पर्ची डलवाते हैं।
तय नियमों में प्रतियोगिता
ग्रामीण हरिओम, दलबीर ने बताया कि मनोरंजन को बड़ा रूप देते हुए यह प्रतियोगिता करवाई जा रही है। बाकायदा इसके लिए नियम तय किए होते हैं। चार व्यक्ति के खेल में एक टीम में दो सदस्यों को दूसरी टीम के साथ आमने-सामने बैठाया जाता है। 50 टीम हो टो 25 टोली बनती हैं। फिर इनमें से जीतकर आई 25 टीम को आपस में खिलाया जाता है। आठ बांट का गेम और 204 अंक की बाजी तय है। सूखी बाजी आने पर टीम आउट हो जाती है।
मनोरंजन तक सही, पैसा लगाकर खेलना जुआ
ताश मनोरंजन तक आपस में खेलना अपराध के दायरे में नहीं आता। लेकिन अगर ताश के खेल को पैसा लगाकर खेला जाता है तो यह जुआ खेल में शामिल हो जाता है। जुआ खेलना अपराध है। इसमें गेम्बलिंग एक्ट के तहत कार्रवाई होती है। इसमें एक माह से छह माह की सजा और जुर्माना हो सकता है।
- जितेंद्र, सीनियर एडवोकेट, सोनीपत
ताश खेल में वर्ष 2018 में एशियाड में गोल्ड जीत चुका भारत
ताश के खेलों में ब्रिज खेल प्रमुख है। ब्रिज की शीर्ष संस्था वर्ल्ड ब्रिज फेडरेशन को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी से भी मान्यता है। वर्ष 2018 के एशियन गेम में 60 वर्षीय प्रणब बर्धन और 56 वर्षीय शिबनाथ सरकार ने चीन को मात देकर इस खेल में एशियाड इतिहास का पहला गोल्ड मेडल जीता था। बताया गया है कि 16वीं शताब्दी में राजाओं के समय से इस खेल को खेला जा रहा है।

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