ये विधानसभा का चुनाव है, पार्टी नहीं उम्मीदवार देखकर ही पड़ते हैं वोट


हरियाणा विधानसभा चुनाव- 2019
-    तीन सीएम देने वाले क्षेत्र के लोग अब स्थानीय मुद्दों को गिना रहे

जितेंद्र बूरा.

फिजाओं में ये कैसा शोरगुल सा छा गया है, लगता है इलेक्शन आ गया है। चर्चाएं अब गर्म होने लगी हैं। चुनावी समीकरण के गणित का हिसाब राजनीतिक पार्टियां ही नहीं आमजन भी लगाने लगा है। चाय की दुकान हो, हेयर ड्रेसर, ढाबा, पनवाड़ी या फिर ट्रेन व बसों का सफर अब लोग राजनीतिक माहौल परखने को यूं ही अनजान से भी चर्चा करके पहचान निकाल ले रहे हैं। बन रहे माहौल को भांपने आज फिर निकल पड़ा हूं एक नए सफर की ओर। हरियाणा को तीन मुख्यमंत्री बंसीलाल, मा. हुकम सिंह और बनारसी दास को देने वाले क्षेत्र में। झज्जर से बस यात्रा शुरू कर चरखी दादरी, भिवानी, हांसी व नारनौंद होते रियासत और सिसायत के केंद्र रहे जींद की तरफ।
सुबह 9 बजे झज्जर शहर के नए बने बस स्टैंड परिसर पहुंचा तो साउंड सिस्टम पर बसों की जानकारी ही नहीं विभिन्न तरह के विज्ञापन और सरकारी योजनाओं का बखान भी चल रहा था। 16 नंबर बूथ पर दादरी के लिए बस चली तो ड्राइवर के पीछे वाली सीट पर जगह मिल गई। बाजू में दादरी के आर्मी कार्यालय में भर्ती की जानकारी लेने जा रहा युवक और दूसरी तरफ बड़ी मूछों वाला बीएसएफ का जवान आ बैठा। बीएसफ जवान दारा सिंह ने बताया कि वे 18 बार दिल्ली की परेड में अपनी भागीदारी दे चुका है। चुनावी जिक्र होते ही दादरी क्षेत्र के पिछड़ेपन का दर्द उनकी जुबां पर आ गया।



भाजपा सरकार में दादरी को जिला घोषित कर दिया गया। अब दादरी, लोहारू और बाढड़ा विधानसभा इसमें शामिल हैं। दारा सिंह ने कहा कि पहली बार बाढड़ा से भाजपा के सुखविंद्र की जीत के बाद अकसर विपक्ष में रहने वाले इस जिले को सत्ता में भागीदारी मिली। दादी से इनेलो के राजदीप फौगाट व लोहारू से ओमप्रकाश इनेलो विधायक हैं। कांग्रेस राज में तो झज्जर की सीमा खत्म होते ही सड़क पर गड्‌ढे अपने आप दादरी जिले में इंट्री होना बता देते थे। पत्थर जमीन से निकलता था तो सालो पहले ही यहां डालमियां इंडस्ट्रीज लग गई थी। फिर भी क्षेत्र विकास और रोजगार के मामले में पिछड़ा ही रहा है। कांग्रेस और इनेलो में ही चुनावी फाइट होती थी लेकिन मोदी लहर के बाद भाजपा के साथ ही टक्कर है। पास बैठा युवक प्रवीन भी बोल उठा। स्थाई रोजगार कम मिले लेकिन विदेशों में मोदी ने देश का मान बढ़ाया है।
दादरी बस स्टैंड से उतर पैदल ही शहर के प्रसिद्ध सरदार झाड़ू सिंह चौक की तरफ चल दिया। बस स्टैंड के बाहर व सड़कों पर लगभग सभी पार्टियो के नेताओं ने अपने बड़े- बड़े होर्डिंग लगाए हुए हैं। चौक के पास रास्ते में हिसार के प्रशांत ने बताया कि गांव से लड़कियों को शहर पढ़ने के लिए रोडवेज बस लगाना अच्छा कदम रहा लेकिन कई जगह बस वापस छोड़ने नहीं जाती। झाड़ू सिंह चौक के बारे में बताते हैं कि रियासती समय में आम आदमी झाड़ू सिंह के घर राजा ने खाना खाकर उसे काफी जमीन दी थी। उनके नाम पर बने चौक के पास चाय की दुकान पर चुनावी चर्चा यहां बैठे लोगों में चाय की तरह गर्म थी। महराना के रणसिंह ने कहा कि भाजपा ने किसान के लिए खेत में ट्यूबवेल कनेक्षन देने की बात कही लेकिन आसानी से मिल नहीं रहे। राशि भी एक से डेढ़ लाख लग रही है। किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और बीमा के नाम पर घोटाले से परेशान है। यहां बैठे हिम्मत सिंह ने कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया से भ्रष्टाचार और धांधली खत्म हुईँ है।
दादरी से भिवानी का फासला करीब 37 किलोमीटर का है। नए बने हाईवे पर सरपट दौड़ती बस में सवार होकर पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के राजनीतिक गढ़ भिवानी जिले की तरफ कूच किया। कभी सूखे क्षेत्र में बंसीलाल की वजह से नहरी पानी से अब फसलें लहलाती हैं। बस में कितलाना के रविंद्र ने बताया कि तोशाम और लोहारू के 35 से अधिक गांवों में अब भी जल संकट है। नहरों की टेल तक पानी नहीं पहुंचता है और हाल ही में ढाणी माऊ के सुशील वर्मा के नेतृत्व में भिवानी में अनशन भी चला, जिसे सांसद धर्मवीर ने आश्वासन देकर तुड़वाया। हाईवे पर बीच रास्ते हालुवास में शहीद विक्रम सिंह की प्रतिमा बता रही है कि इस क्षेत्र में सेना में देश सेवा करने की भागीदारी खूब रही है।

भिवानी शहर में सरकारी अस्पताल, युनिवर्सिटी सहित कई संस्थान पूर्व सीएम बंसीलाल के नाम पर हैं। पुराने शहर के अंदर सराय चौपटा से आगे प्राचीन किरोड़ी मंदिर भव्य है। यहीं पर जाल वाली लस्सी वाला 70 साल से मशहूर है। बस स्टैंड से ऑटो पकड़कर मीठी लस्सी के साथ चुनावी चर्चा करने चल पड़ा। दुकानदार कपिल और ग्राहक पंकज ने बताया कि शहर में तो अब भाजपा का वर्चस्व है। घनश्याम सर्राफ लगातार दो बार जीत चुके हैं। तोशाम आज भी बंसीलाल परिवार का गढ़ है, लेकिन आने वाले चुनाव का हाल अभी कुछ नहीं कह सकते। बवानी खेड़ा सीट पर भी भाजपा विधायक है और मुख्य टक्कर इनेलो और कांग्रेस के साथ रही। अब कांग्रेस के साथ जेजेपी व इनेलो नेता पकड़ बनाने में जुटे हैं।
भिवानी से हांसी-हिसार के लिए ट्रेन सेवा भी बेहतर है। ट्रेन से ही हांसी का सफर तय किया। इस क्षेत्र में महिलाएं कई जगह सिर पर मटके लेकर पानी लेकर आती दिखी जिससे पानी की दिक्कत का आभास होता है। हांसी में बड़सी गेट एतिहासिक जगह है। किले का यह गेट आज भी इतिहास की गवाही दे रहा है। गेट के आगे नेताओं ने अपनी पहचान बनाने के लिए खूब होर्डिंग लगा दिए हैं। कपड़े बेचने वाले जयकिशन ने कहा कि भाजपा शहर के किसी नेता को टिकट देगी तो भाजपा यहां जीत सकती है। बाहरी का विरोध देखने को मिल रहा है। दुकानदार अभिनव शर्मा ने कहा कि रेणुका बिश्नोई यहां से विधायक हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में करीब 13 हजार वोट ही वो अपने उम्मीदवर बेटे को दिला पाई। अब समीकरण बदल रहे हैं।
अब कूच उस क्षेत्र की ओर है जिसने प्रदेश को खजाना मंत्री दिया। नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु भाजपा विधायक हैं। बस स्टैंड पर मिले पेटवाड़ के राजेंद्र ने बताया कि हिसार जिले में अगर ग्रांट और विकास कार्यों के बजट को देखें तो सबसे ज्यादा नारनौंद में लगा है। इसे सब डिवीजन बना दिया। छोटी सी पीएचसी अब 100 बैड का अस्पताल बन गई है। दो कॉलेज, तीन आईटीआई इस एरिया में बनी हैं। इसके बावजूद चुनाव कड़े मुकाबले का होगा। बस में सवार बाली गांव के प्रताप ने कहा कि स्थाई नौकरी इस सरकार में नहीं मिली। डीसी रेट को बढ़ावा मिला। दस हजार में भला क्या होगा। महज डी ग्रुप नौकरी का बखान हो रहा है, इसमें अच्छे पढ़े डिग्री धारक उलझकर रह गए। सिसाय के छात्र खेमचंद शर्मा ने कहा कि जेजेपी के उतारे उम्मीदवार रामकुमार गौतम ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है। इनेलो और कांग्रेस के पास भी मजबूत उम्मीदवार यहां हैं।
कभी रियासत रहे और अब सियासती केंद्र जींद की धरती पर शाम को दस्तक दी। शहर की शान रानी तालाब का मंदिर पर रंगीन लाइट और चारों और दूधिया रोशनी मनोहरम दृश्य बना रही हैं। यहां परिवार के साथ खूब लोग घूमने आते हैं। करीब सात माह पहले चर्चित उपचुनाव में भाजपा से कृष्ण मिढ़ा को विधायक बनाने वाले जींद ने लोकसभा में भी भाजपा को बहुमत यहां दिया। अब विधानसभा समीकरण पर लोगों का रुख स्पष्ट नहीं है। भिवानी रोड विकास नगर के अनिल का कहना है कि बाहरी कॉलोनियों में काम नहीं हुए। यहां ताश भी मनोरंजन का प्रमुख खेल है। अर्बन इस्टेट में सड़क किनारे खेल रहे रामफल ने कहा कि पॉश कॉलोनियों और सड़कों पर टायलें लगाकर गांव जैसा माहौल बना दिया गया है। कई सड़कें टूटी हैं। बाइपास जरूर बना है। धर्मबीर शर्मा, जयराम गोयत ने कहा कि जेजेपी यहां बड़ी टक्कर देगी। कांग्रेस अभी कमजोर है, लेकिन उम्मीदवार कैसा होगा यह देखना होगा।
यात्रा का नचौड़ यह है कि विधानसभा में क्षेत्रीय समस्या और मुद्दे उठाए जा रहे हैं। पार्टियों से ज्यादा उम्मीदवार की पकड़ चुनावी समीकरण बनाएगी। भाषणों में लहर कही जा रही है लेकिन ग्राउंड अच्छे मुकाबलों के लिए तैयार हो रहा है।

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