पतंग वहीं उड़ेगी, जहां हवा का रुख होगा, यही राजनीति है
आबो हवा... हरियाणा विधानसभा इलेक्शन 2019
जितेंद्र बूरा.
अपने घुमक्कड़ स्वभाव की दलील सुन और दिमाग में हरियाणा विधानसभा की बिछ रही बिसात का परिदृश्य लेकर आज घर से निकल ही पड़ा। तय कर लिया कि आज न गाड़ी होगी और न बाइक, हरियाणा का मूड अब सार्वजनिक यातायात साधनों में सवार होकर और सार्वजनिक जगहों पर जाकर ही जाना जाए। रूट तय है जाटलैंड जोकि हाल में लोकसभा चुनाव के चौंकाने वाले परिणाम देख चुका है। सोनीपत से रोहतक और झज्जर तक। रास्ता लंबा और शाम कहां ढलेगी पता नहीं, इसकी पूर्व योजना बनाते हुए अपने बैग में एक जोड़ी कपड़े और जरूरी सामान पहले ही रख लिया है।
कोशिश् है कि आज की यात्रा में सोनीपत, खरखौदा, किलोई, रोहतक, बेरी, बादली और झज्जर विधानसभा के साथ यात्रा में हमराही से मन की बात जुबां पर लाकर जान सकूं। विधानसभा चुनाव की सरगर्मी ज्यों-ज्यों बढ़ रही है, इस बार भादो माह और श्राद्ध पखवाड़े में भी गर्मी हर किसी की बेचैनी बढ़ाए हैं। हर दिन अपनी दिनचर्या के लिए घर से निकलने वाले लोग इसका आभाष पसीना पोंछते हुए कर रहे हैं। अपनी इस अनोखी यात्रा की शुरुआत करते हुए सोनीपत में घर से ऑटो पकड़कर सुबह दस बजे ही निकल लिया। गीता भवन के चौक के जाम से यहां हर शहरवासी वाकिफ है। यह सोनीपत के लिए एक राजनीतिक मुद्दा भी है। ऑटो चालक ऑटो चलाते हुए खुद ही बड़बड़ा रहा था कि इसका समाधान नहीं हो पाया। नाम पूछने पर बताया विशाल नगर लाइन पार इलाके में रहता है और वेद नाम है। रेलवे ओवरब्रिज पिछली सरकार में बना वह भी काठमंडी की तरफ तंग है। शहर के अंदर अलग से बाइपास का कोई रास्ता नहीं है। गलियां पक्की हुई, पार्क सुधरे पर जाम समस्या ज्यों की त्यों है।
बात भी उसकी सही लगी। गीता भवन होकर बस स्टैंड पहुंचना और वापस आना मुश्किल भरा है। ऑटो इस भीड़ को पार करते हुए देवीलाल चौक के पास पहुंच गई। देवीलाल चौक इन दिनों झंडो व नेताओं के होर्डिंग्स से भाजपामय होकर हाल ही में यहां शाम के समय हुई मुख्यमंत्री मनोहरलाल की जन आशीर्वाद यात्रा की जनसभा की गवाही दे रहा है। प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कविता जैन और भाजपाई नेताओं के बड़े होर्डिंग्स इस बार 75 पार के नारों से बारे हैं। शहरों में इस बार होर्डिंग्स, बैनर की होड़ अलग-अलग पार्टी नेताओं से ज्यादा भाजपा नेताओं में खुद को आगे दिखाने के लिए ज्यादा है। खैर, आचार संहिता की घोषणा ओर चुनावी भोंपू बजते ही इन होर्डिंग्स को हटाने और दीवारों पर राजनीतिक अपीलों पर कालिख पोतने का दौर आने वाला है। देवीलाल चौक के ठीक सामने ही सोनीपत बस स्टैंड है जो शहर के लिए आने-जाने की सुविधा और जाम पैदा करने की दुविधा बना है। ऑटो चालक वेद को दस रुपए देकर बस स्टैंड के अंदर घुस गया। याद आया दिल्ली के कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस स्टैंड की तर्ज पर सोनीपत में भी दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे के पास बस पोर्ट बनना है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने इसकी जमीन तय की है।
सोनीपत के बस स्टैंड से रोहतक की बसों की कमी नहीं है। निजी व सरकारी बसों के परिचालक आवाजें लगा-लगाकर सवारियों को बैठा रहे हैं। विभिन्न नौकरियों की परीक्षा के लिए कोचिंग का हब बन रहे सोनीपत में दूर-दराज के गांवों और कस्बों से पहुंचने वाले युवाओं की भीड़ बसों में भी देखी जा सकती है। हर युवा को उम्मीद है कि उसे निश्चित रोजगार मिलेगा, उनके भी अच्छे दिन आएंगे। बस में भीड़ के बीच अंदर एक सीट मुझे भी हासिल हो ही गई। चुनावी माहौल के अनुसार चर्चा हो, इसी को देखते नजरें उस सीट पर थी जहां बुजुर्ग महिला और कुछ लोग बैठे थे। सोनीपत से रोहतक की तरफ निकलते हुए नहर पार करते ही पास में बैठी बुजुर्ग महिला से परिचय लिया तो उसने खरखौदा की सुनहरी देवी बताया।
आने वाले चुनाव की पूछने पर बोली- बेटा राजनीति का तो मनै कुछ बेरा नहीं, इतना जाणू सूं की बुढ्यां की पिलसण ताऊ देवीलाल बणाग्या था। उस पाछै जो सरकार आई कुछ-कुछ बढ़ांती चली गई। इब दो हजार होगे। कम तो ये भी नी, फिर चुनाव आते ही कोई तीन तो कोई साढ़े तीन हजार करण की बात करै स। पिछले चुनाव में तो मोदी-मोदी हो री थी, इब देखो किसका के हाल होगा।
ताई की बात सुनकर पास में बैठा पिपली गांव का सुरेश जोकि रोहतक में प्राइवेट नौकरी करता है, बोल उठा। भाई साहब कोए बण जाओ, किसी के घर भरी बोरी ना डालता। हर आदमी न मेहनत की कमानी है। खरखौदा में पिछली बार कांग्रेस विधायक बना। मोदी लहर थी। आजाद उम्मीदवार दूसरे नंबर पर था। इब लोकसभा चुनाव पीछे भाजपा में जाने वालों की होड़ लगी है। पिछली बार दूसरे नंबर पर रहने वाला उम्मीदवार भी अब भाजपा में चला गया। उसको टिकट मिली तो मुकाबला देखने का होगा। वैसे टिकट के इंतजार में कई नेता हैं।
मेरी जिज्ञासा बढ़ती जा रही थी। खरखौदा बस स्टैंड पर बस रुकी तो काफी सवारी उतर गई और काफी नई आ चढ़ी। दस मिनट के ठराव के लिए रोहतक रवानगी की सीटी परिचालक ने बजा दी। कुछ समय बाद अचानक परिचालक ने आवाज लगाई भालौट वाले उतर जाना अड्डे पर। दिमाग की बत्ती जैसे अचानक जल गई। यह क्षेत्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का चुनावी विधानसभा क्षेत्र किलोई है। नए परिसिमन के बाद गढ़ी-सांपला-किलोई को हरियाणा विधानसभा क्षेत्र 61 घोषित किया गया है। वर्ष 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों बार इनेलो के सतीश नांदल को हराकर पिछली बार विधायक और उससे पिछली बार मुख्यमंत्री बने।
मैं भालौट के अड्डे पर ही उतर लिया। इसलिए कि अकसर लोग यहां सत्ते हलवाई के समोसे खाने गाड़ी रोककर या बस से उतर ही जाते हैं। सत्ते हलवाई की दुकान इसलिए भी नामचीन हो गई कि मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेंद्र हुड्डा अपने इस विधानसभा क्षेत्र में आमजन के बीच रहने की मिसाल देने के लिए आते-जाते कभी-कभी सत्ते हलवाई की दुकान पर बैठकर समर्थकों के साथ समोसे का स्वाद चख लेते थे। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र हुड्डा की सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से हार के बाद अब यहां छोला समोसा खाने पहुंच रहे लोगों का मिजाज कैसा है, यह जानने दुकान के अंदर मैं भी घुस गया। दीवारों पर सत्ते हलवाई और उसके बेटों के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा व अन्य बड़े नेताओं के साथ अनेक फोटो लगे हैं। सत्ते के छोटे बेटे बिजेंद्र ने बताया करीब 50 साल पहले थाना कलां गांव से आकर उनके पिता ने यहां दुकान शुरू की थी। हुड्डा के साथ पिता के अच्छे संबंध हैं। बीरेंद्र का कहना है कि किलोई से तो हुड्डा और कांग्रेस ही जीतेगी।
अंदर परिवार के साथ ऑर्डर किए समोसे के इंतजार में बैठी महिला पार्वती भी बेबाकी से बोल उठी- गामां वालों के लिए तो भूपेंद्र हुड्डा बढ़िया सीएम रहा है। इनेलो की परिवार की फूट पार्टी न ले बेठी, ना तो जोर तो उनका भी आच्छा था। देखो इब किसकी लहर बणेगी। ऊपर तो दोबारा मोदी की सरकार आ गई। अंदर बाजू वाली टेबल पर छोले-समोसे खा रहे सोमवीर शास्त्री अपने विचार देने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोए कमी नहीं, मेहनत करने वालों को नौकरी मिली और विकास के काम होए। हुड्डा की सरकार में तो एक विशेष जाति के काम और नौकरी लागैं थे।
समोसे के स्वाद पर चुनावी तड़का ज्यादा न लग जाए इसलिए सबको राम-राम कर मैं भी आगे के लिए निकल लिया। फिर दूसरी बस पकड़ रोहतक बस स्टैंड पहुंच गया। बीच-बीच में कांग्रेस में भूपेंद्र हुड्डा को चुनावी कमान देने और कुमारी शैलजा को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के आभार होर्डिंग समर्थकों द्वारा लगे दिखे। इनेलो से अलग होकर दुष्यंत चौटाला के नेतृव में बनी जननायक जनता पार्टी नेताओं ने भी इस बार देवीलाल जयंती समारोह के उपलक्ष्य में रोहतक में 23 सितंबर को प्रस्तावित रैली के होर्डिंग लगे थे। आम आदमी पार्टी नेताओं का दिवारों पर पोस्टर चिपकाओ अभियान सड़कों से चलते दिखा रहा है। लग रहा है कि चुनाव माहौल फिर अपने रंग में रंगने लगा है।
रोहतक बस स्टैंड का नजारा दोपहर के समय भरा-भरा हो जाता है। स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राएं, बाजारों में गांवों से आए लोग या ड्यूटी से घर लौट रहे लोग बसों के इंतजार खड़े होने लगते हैं। इन्हीं इंतजार की घड़ियों की सूंई के कांटों पर मैं भी सवार होकर यात्रियों की सुविधा के लिए बनाई सीट पर बैठ गया। पास में बैठी बुजुर्ग महिला से पूछा ताई कहां से हो। ताई ने अपना नाम रामरति और गांव पानीपत जिले का नांगल खेड़़ी बताया। बताया कि ढोबी गांव में बेटी शादीशुदा है। बेटे के साथ वहीं गई थी। ट्रेन नहीं आई तो बस में जाएंगे। चुनावी माहौल पर रामरति बोली कि रोहतक में तो पिछली सरकार में भी खूब काम होए, अब भी होण लग रहे हैं। उसने आते हुए देख्या ऊपरे ऊपर जाण वाली रेल का पुल व पटरी भी बणन लाग री स। पानीपत में तो ना पहले कुछ होया, ना इब। शहर में बड़ा पुल बना पर नीचे जाम बहोत है। गांवों में सुविधा कम है। इब सब मोदी-मोदी कहकै वोट देवैं हैं, देखो के बढिया करेगा।
अपने रूट के इंतजार में बैठे रोडवेज चालक-परिचालकों में एक परिचालक बोल उठा, या खट्टर सरकार कर्मचारी हित में नहीं है। प्राइवेट बस बढ़ा रही थी। कर्मचारियों ने घोटाला उजागर किया तो फैसला बदला। सबकुछ प्राइवेट कर रहे तो नए स्थाई रोजगार कैसे मिलेंगे। परिचालक ने नाम नहीं बताया पर बातों-बातों में राजनीति पर चुटकला जरूर सुना दिया।
बोले- एक ब गाम मैं बाबा भिक्षा लेण चला गया। उसने पता चला कि एक घर में महिला गर्भवती है। सोचा बढिया भिक्षा मिलेगी। घर के आगे जाकै अलख जगाई। महिला बाहर आई तो बोला बेटी घर में छोरा होगा। खुश होकै महिला ने अच्छी भिक्षा दी। आगे पड़ोसी से उनकी बनती नहीं थी, बाबा ने सोचा यहां से किस तरह मिले। बाबा ने वहां जाकर बोला मनै देख लिया ढंग, थारे पड़ोसियां कै तो छोरी ही होगी। फिर वहां से भिक्षा लेकर चला और बोला असली पतरा कौण जाणै स।
चुटकुला खत्म करकै परिचालक ने कहा कि यही हाल राजनीति का है। भाजपा 75 पार नारा लगावे है। बसपा और इनेलो का गठबंधन हुआ तो इस बार देवीलाल का रिकॉर्ड बणान की बात कही। फिर गठबंधन टूट गया। कांग्रेस कह सरकार बनावेंगे। इनेलो और अन्य पार्टी रहगी अलग। इसी हरियाणा में के 200 सीट हैं। इनका पतरा किसनै देखा।
सफर में श्राद्ध के दिनों की दोपहरी सिर के ऊपर से गुजर रही थी। पेट सुबह वाला पचाकर कुछ अंदर भोजन डालने की गुड़गुड़ाहट के साथ अपील कर रहा था। ऐसे में बस स्टैंड के बाहर ऑटो से दिल्ली बाइपास पहुंचा। रोहतक की शान महर्षि दयानंद युनिवर्सिटी के पास रोहतक के बड़े-बड़े परांठों की मशहूर ढाबे यहां हैं। दावां यहां देश का सबसे बड़ा पराठा बनाने का है और चार परांठे खाने पर एक लाख का इनाम तक देने की घोषणा के बोर्ड लगे हैं। यहां पुरानी व नई दुकानों पर खूब परिवार के साथ लोग व छात्र-छात्राएं परांठा चखने आते हैं। इसका स्वाद चखने मैं भी अंदर चला गया। तब तक ऑर्डर आता तो ग्रुप में परांठा खाने आई महिला और पुरुष चुनावी माहौल पर चर्चा कर रहे थे। दिलचस्पी में उनकी तरफ बढ़ गया। सोनीपत के पुरखास के केपी शर्मा कह रहे थे कि मोदी ने कश्मीर में धारा 370 हटा दी, आएगी तो भाजपा ही। दिल्ली में जॉब करने वाली रोहतक की बीरमती ने कहा आर्थिक मंदी कितनी बढ़ गई। उधोग धंधे ठप हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है। पास बैठी प्रति ने कहा कि कुछ सही करने के लिए कुछ कठिनाई भी झेलनी पड़ती हैं। देश आगे जा रहा है।
पराठा खाने के बाद चाय पीने की इच्छा हुई तो चाय वाले रवि से चर्चा में पूछ लिया की क्या हाल रहेगा चुनाव में। चाय वाले राहुल ने कहा कि दुकान पिता संभालते हैं, मैं तो कभी-कभी आ जाता हूं। पापा दीपेंद्र को पसंद करते हैं। हम भी। कोई हाथ पकड़कर काम करवा लो, कर देता है। किसी को उम्मीद नहीं थी कि हारेगा, पर धोखा हो गया उसके साथ। भला रात को चार बजे तक गिनती होती है। साथ खड़े झज्जर बाइपास के शुभम ने कहा कि इस सरकार में नौकरी तो ईमानदारी से लगी, लेकिन निकली कम। कांग्रेस सरकार में खूब रोजगार मिले, चाहे किसी को मिले हों। वहीं चांदी गांव के अनिल ने कहा कि चौटाला की सरकार में भी रोजगार खूब मिल थे। किसानों की सरकार थी। अब किसान के लिए महंगाई बढ़ गई।
चाय पीकर आगे के सफर के लिए रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गया। स्टेशन से पहले रास्ते में पुराने बाजार में लधु की दाल का टेस्ट यहां के वासियों की जुबां पर है। यहां की दाल आर्डर पर दूर-दूर तक जाती है। कुछ समय यहां चर्चा की तो आरक्षण आंदोलन की आगजनी को दुकानदार याद करने लगे। यहां दाल लेने पहुंचे बंटी ने कहा कि सुरक्षा का माहौल जरूरी है। व्यापारी वर्ग तो अपना काम बेहतर चलने की उम्मीद करता है। हाल में भाजपा सरकार ने व्यापारियों के लिए भी बीमा योजना लागू की है। यह अच्छा है। पहले भी काम तो अच्छे हुए हैं। हाथ में गर्मागर्म दाल का पैकेट लिए सोनू ने कहा कि भाई हवा के साथ ही पतंग उड़ती है। अब जिसकी हवा है, वही सरकार बनाएंगे।
यहां से बाजारों की रौनक देखते हुए पैदल ही रेलवे स्टेशन के लिए निकल पड़ा। रोहतक रेलवे स्टेशन का महाराजा अग्रेसन द्वार लिखा बड़ा गेट दूर से ही नजर आ गया। टिकट खिड़की पर रेवाड़ी के लिए पैसेंजर ट्रेन साढ़े सात बजे चलने का समय था। ऐसे में कुछ देर स्टेशन पर बैठा। यात्री कृप्या ध्यान दे के बज रहे लाउड स्पीकर पर ट्रेनों के आवागमन की सूचना दी जा रही थी। अपने बैग व बच्चों को संभाले लोग ईधर उधर बैठे थे। यहां कई विधानसभा क्षेत्र के लोगों का संगम स्थल जैसा माहौल था। नगर निगम में ड्यूटी कर नारनौंद जा रहे कृष्ण ने बताया कि वहां तो इनेलो और भाजपा की टक्कर हुई थी। अब दुष्यंत ने पुराने नेता रामकुमार गौतम को टिकट दी है। यहां कैप्टन अभिमन्यु वित्तमंत्री भी अच्छे काम कर रहे हैं। कांग्रेस व इनेलो किसे टिकट देगी, वह भी देखना होगा। अभी कुछ नहीं कह सकते।
दुकान का सामान खरीदने आई गोहाना के बिटाना गांव की बिमला ने कहा कि जोर तो सब लगा रहे हैं। पर लोग यह भी कहते हैं कि आएगी तो भाजपा ही। महिलाएं गांवों में दुकानें कर रोजगार चला रही हैं। चुनाव तो कुछ दिन का मेला है, सबको कमाके ही खाना है। ट्रेन अब आ चुकी थी। मैं भी अपना बैग संभाल झज्जर के लिए बैठ लिया। जैसे ही ट्रेन चली तो बहादुरगढ़ के लडरावण गांव की महिला साबो अपने कागजात संभाल रही थी। उसने बताया कि उसके पति आर्मी में थे। सेवानिवृति के कुछ साल बाद वे इस दुनिया से चले गए। अब उनकी पेंशन मिलती है। मोदी सरकार ने आर्मी की पेंशन बढाई है। बॉर्डर पर रक्षा करने वाले पैरा मिलिट्री जवानों को भी शहीद का दर्जा और पेंशन मिलनी चाहिए, जो अभी नहीं है।



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