मोदी सरकार के तीन अकल्पनीय फैसले, देश में रचा अपना ही इतिहास
- 8 नवंबर 2016 की शाम को टीवी स्क्रीन पर लाइव आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 व 1000 के नोट बंद कर नकली नोट व ब्लैकमनी के खिलाफ कदम उठाया।
- 1 जुलाई 2017 की तारीख में आधी रात 12 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में बटन दबाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी लांच कर आर्थिक सुधार का फैसला लिया।
- 5 अगस्त 2019 को आजादी के 72 साल बाद अनुच्छेद 370 को रद्द कर कश्मीर को दोहरे संविधान और कानूनों से आजादी दिला दी।
जितेंद्र बूरा.
भारत की जनता ने अपनी वोट की ताकत से मजबूत और प्रचंड बहुमत वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की वर्ष 2014 और 2019 मेंं लगातार दो बार सरकार बना राष्ट्र में बड़े बदलाव का सपना देखा। देश की अखंडता, आर्थिक सुधार और काला धन पर जबरदस्त प्रहार करते हुए तीन बड़े फैसले इस सरकार ने लेकर आने वाली पीढ़ियों के लिए नया इतिहास रच दिया। 8 नवंबर 2016 की शाम को टीवी स्क्रीन पर लाइव आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 व 1000 के नोट बंद कर नकली नोट व ब्लैकमनी के खिलाफ कदम उठाया। 1 जुलाई 2017 की तारीख में आधी रात 12 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में बटन दबाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी लांच कर आर्थिक सुधार का फैसला लिया। 5 अगस्त 2019 को आजादी के 72 साल बाद अनुच्छेद 370 को रद्द कर कश्मीर को दोहरे संविधान और कानूनों से आजादी दिला दी।
फैसले इतने बड़े रहे कि अखबारों और न्यूज चैनलों ने उस दिन की सभी खबरों को दरकिनार कर पूरा इन्हीं निर्णयों पर फोकस किया। अखबारों के पन्नों पर जगह कम पड़ी और पाठकों को अधिक से अधिक जानकारी देने के लिए अतिरिक्त पन्ने लगाए गए। आजादी के 72 साल बाद जम्मू कश्मीर को लेकर लिया फैसला तो हर भारतीय नागरिक के दिल में बस गया। भारत माता की जय, वंदे मातरम के उदघोषों के साथ हर कोई तिरंगे, रंग-गुलाल व मिठाईयां लेकर उत्साह में सड़कों पर जश्न मनाने उतर आया। 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू कश्मीर इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन वजूद में आया। यानि कश्मीर भारत का हिस्सा हो गया। 17 अक्टूबर 1949 को अनुच्छेद 370 लाया गया। इसके तहत जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान और झंडा तय किया गया। 14 मई 1954 को 35एए आया और जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों के नागरिक बनने पर रोक लगी। तब से आज तक लगातार आतंकवाद और जवानों की शहादत से ये कानून देश के हर नागरिक के लिए नासूर बने थे।
हरियाणा के हर शहीद को मिली सच्ची श्रद्धांजलि
सेना में अपने बेटे भेज देश की रक्षा में अहम योगदान देने वाले हरियाणा के हर शहीद को तब सच्ची श्रद्धांजलि मिली जब 5 अगस्त 2019 के दिन राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 रद्द करने का फैसला लिया। राज्य के दो हिस्से, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए। जम्मू-कश्मीर में दिल्ली की तरह विधानसभा होगी जबकि लद्दाख चंडीगढ़ की तरह केंद्र शासित होगा। अब सांसद से पारित कानून जम्मू-कश्मीर में सीधे लागू होंगे। तिरंगा ही राष्ट्रध्वज वहां रहेगा। भारत का कोई भी नागरिक कश्मीर में वोटर या चुनावी उम्मीदवार बन सकेगा।
तीन बड़े फैसलों की ये रही अखबार की सुर्खियां
8 नवंबर 2016 की शाम 500 व 1000 के नोट बंद कर, 2000, 500, 100, 500 के नए क्लेवर में नोट शुरू किए
- 1 जुलाई 2017 की तारीख में आधी रात 12 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में बटन दबाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी लांच कर आर्थिक सुधार का फैसला लिया।
- 5 अगस्त 2019 को आजादी के 72 साल बाद अनुच्छेद 370 को रद्द कर कश्मीर को दोहरे संविधान और कानूनों से आजादी दिला दी।
जितेंद्र बूरा.
भारत की जनता ने अपनी वोट की ताकत से मजबूत और प्रचंड बहुमत वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की वर्ष 2014 और 2019 मेंं लगातार दो बार सरकार बना राष्ट्र में बड़े बदलाव का सपना देखा। देश की अखंडता, आर्थिक सुधार और काला धन पर जबरदस्त प्रहार करते हुए तीन बड़े फैसले इस सरकार ने लेकर आने वाली पीढ़ियों के लिए नया इतिहास रच दिया। 8 नवंबर 2016 की शाम को टीवी स्क्रीन पर लाइव आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 व 1000 के नोट बंद कर नकली नोट व ब्लैकमनी के खिलाफ कदम उठाया। 1 जुलाई 2017 की तारीख में आधी रात 12 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में बटन दबाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी लांच कर आर्थिक सुधार का फैसला लिया। 5 अगस्त 2019 को आजादी के 72 साल बाद अनुच्छेद 370 को रद्द कर कश्मीर को दोहरे संविधान और कानूनों से आजादी दिला दी।
फैसले इतने बड़े रहे कि अखबारों और न्यूज चैनलों ने उस दिन की सभी खबरों को दरकिनार कर पूरा इन्हीं निर्णयों पर फोकस किया। अखबारों के पन्नों पर जगह कम पड़ी और पाठकों को अधिक से अधिक जानकारी देने के लिए अतिरिक्त पन्ने लगाए गए। आजादी के 72 साल बाद जम्मू कश्मीर को लेकर लिया फैसला तो हर भारतीय नागरिक के दिल में बस गया। भारत माता की जय, वंदे मातरम के उदघोषों के साथ हर कोई तिरंगे, रंग-गुलाल व मिठाईयां लेकर उत्साह में सड़कों पर जश्न मनाने उतर आया। 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू कश्मीर इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन वजूद में आया। यानि कश्मीर भारत का हिस्सा हो गया। 17 अक्टूबर 1949 को अनुच्छेद 370 लाया गया। इसके तहत जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान और झंडा तय किया गया। 14 मई 1954 को 35एए आया और जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों के नागरिक बनने पर रोक लगी। तब से आज तक लगातार आतंकवाद और जवानों की शहादत से ये कानून देश के हर नागरिक के लिए नासूर बने थे।
हरियाणा के हर शहीद को मिली सच्ची श्रद्धांजलि
सेना में अपने बेटे भेज देश की रक्षा में अहम योगदान देने वाले हरियाणा के हर शहीद को तब सच्ची श्रद्धांजलि मिली जब 5 अगस्त 2019 के दिन राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 रद्द करने का फैसला लिया। राज्य के दो हिस्से, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए। जम्मू-कश्मीर में दिल्ली की तरह विधानसभा होगी जबकि लद्दाख चंडीगढ़ की तरह केंद्र शासित होगा। अब सांसद से पारित कानून जम्मू-कश्मीर में सीधे लागू होंगे। तिरंगा ही राष्ट्रध्वज वहां रहेगा। भारत का कोई भी नागरिक कश्मीर में वोटर या चुनावी उम्मीदवार बन सकेगा।
तीन बड़े फैसलों की ये रही अखबार की सुर्खियां
8 नवंबर 2016 की शाम 500 व 1000 के नोट बंद कर, 2000, 500, 100, 500 के नए क्लेवर में नोट शुरू किए





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