हरियाणा में गोली मारने से क्राइम 25 जबकि सोनीपत में बढ़ा 45 प्रतिशत

सोनीपत में युवा हो रहे हैं सबसे ज्यादा हिंसक, छोटी-छोटी बातों पर कर रहे हैं हत्या
 हरियाणा में गोली मारने से क्राइम 25 जबकि सोनीपत में बढ़ा 45 प्रतिशत

- यहां छोटी कहासुनी से भी हो रही हत्याएं
- अवैध हथियारों से बढ़ा ज्यादा क्राइम, बदमाश गूगल से व्रचवल नंबर उठाकर करते हैं कॉल, लाचार साइबर सेल नहीं कर पा रही ट्रेस
- अवैध शराब का कारोबार भी क्राइम की वजह बन रहा है, यूपी व दिल्ली के गैंग जमा रहे हैं सोनीपत में पैर

जितेंद्र बूरा. सोनीपत

खेल व शिक्षा में नाम कमा रहे सोनीपत की बढ़ता क्राइम छवि बिगाड़ रहा है। यहां के युवा हिंसक हो रहे हैं। गुस्से में जरा-जरा सी बात पर हत्याा कर रहे हैं। एक फरवरी से 20 मार्च तक सोनीपत में 15 लोगों की हत्याएं हुई हैं। इसके बाद कुछ दिन सब शांत रहा। लेकिन अप्रैल माह से फिर से हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया। अप्रैल, मई व जून में 16 लोगों की और हत्याएं हो चुकी हैं। ज्यादातर हत्याएं छोटी-छोटी बात पर की गई। सोनीपत में बढ़ते अपराध को लेकर नागरिक अस्तपाल के चिकित्सकों ने अस्पताल में पोस्टमार्ट कर एक रिसर्च भी किया। जिसमें सामने आया है कि 45 प्रतिशत हत्या यहां गोली मारने से हुई हैं। जबकि बात हरियाणा की औसत का करें तो गोली से हत्या की 25 प्रतिशत है। चिकित्सकों की रिसर्च कहती है कि सोनीपत जिले में लोगों खासकर युवा पीढ़ी में गुस्सा ज्यादा पनपन रहा है।

अपराध बढ़ने का सबसे बड़ा कारण अवैध हथियारों पर पूर्ण रूप से रोक न लग पाना भी
सोनीपत में बढ़ते क्राइम का एक और कारण यूपी की सीमा सटा होना है। बड़े गैंग सरगना सोनीपत में क्राइम कर रहे युवाओं को लालच देकर अपने साथ जोड़ रहे हैं। फिर चाहे कपिल चिटाना हो या अक्षय पलड़ा व राजू बसौदी। एसटीएफ के सूत्र बताते हैं कि दिल्ली के गैंग सरगना अपने गुर्गों को अवैध हथियार मुहैया कराने के साथ-साथ उनके पकड़े जाने पर केस की पैरवी तक कर रहे हैं। क्राइम करने के बाद इन्हें छुपने में भी मदद करते हैं। सोनीपत में लगातार अवैध हथियारों की सप्लाई होना यहां क्राइम बढ़ने का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। भास्कर टीम ने छह माह की एफआईआर की बारिकी से जांच की तो यह सच्चाई सामने आई। इसके साथ पुलिस के 2018 व 2019 अब तक के आंकड़े भी जांचे। 2018 में 229 व जनवरी से जून तक करीब 100 युवक तमंचे के साथ पकड़े भी गए। यह बात एसटीएफ ने भी स्वीकार की है। एसटीएफ के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोनीपत यूपी के नजदीक है। यूपी में अवैध हथियार बनते हैं इसलिए सोनीपत में एक से डेढ़ हजार में अवैध तमंचा मिल जाता है। इसलिए लूटपाट हो या हत्या इनमें अवैध हथियारों का प्रयोग जमकर हो रहा है। इसके साथ एक जाति के लोग अपराध में ज्यादा आ रहे हैं।

845 पोस्टमार्टम पर रिसर्च, 45 प्रतिशत हत्या गोली से, 18 प्रतिशत तेजधार हथियार से हुई

सोनीपत में बढ़ते क्राइम को लेकर सामान्य अस्पताल के डाक्टर गौरव शर्मा व उनके सीनियर ने रिसर्च की। एक जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2018 उन्होंने अपने सीनियर डाक्टर के साथ 845 पोस्टमार्टम नागरिक अस्पताल सोनीपत में किए। इनमें से 33 केस हत्या के थे। शोध में सामने आया सोनीपत में 45 प्रतिशत हत्या गन शॉट से हुई। जबकि 18 प्रतिशत तेजधार हथियार से। जबकि प्रदेश स्तर पर गन शॉट से हत्या का आंकड़ा 25 प्रतिशत ही है। ज्यादातर पुरुष की हत्या हुई। इनकी उम्र 20 से 40 साल के बीच रही। टीम केसाथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट रिसर्च करने वाले सिविल अस्पताल के डाक्टर गौरव ने कहा कि इस रिसर्च की तुलना एक सितंबर 2015 से 31 अगस्त 2016 पीजीआई रोहतक में किए गए पोस्टमार्टम से की। 2891 पोस्टमार्टम किए गए। इनमें से 128 केस हत्या के थे। यहां लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। छोटी कहासुनी के बाद भी हत्याएं की गई हैं। ज्यादातर सोनीपतमें हत्याओं का कारण भूमि विवाद, पैसा, इज्जत, गुस्सा व प्रेम संबंध रहा। शोध में पता चला कि सोनीपत में हत्या का प्रतिशत प्रदेश के औसतन कम है। लेकिन गनशाट से हत्या का प्रतिशत चिंता जनक है। उन्होंने कहा इस दिशा में बेहत कदम उठाने की जरूरत है।

जागरूकता जरूरी, किशोरों को अपराध में आने से रोकना होगा

किशोर व युवाओं पर ध्यान देने की बेहद जरूरत है। गलत संगत के कारण किशोर अपराध कर रहे हैं। इन्हें अच्छा माहौल दिया जाना चाहिए। ताकि यह अपराध न करें। एक दो बार बड़ा क्राइम करने वाले किशोर व युवाओं को बड़े गैंग सरगना लालच देकर अपने से जोड़ रहे हैं। जिसके कारण अपराध बढ़ रहा है। बेड़ गैंग अपने गुर्गे को पुलिस से बचने की ट्रेनिंग भी देते हैं। गूगल से व्रचवल नंबर उठाकर एक दूसरे को कॉल करते हैं। जिसमें सिम की भी जरूरत नहीं पड़ती। इन गैंग को ट्रेस कर पाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

- राहुल देव, एसटीएफ डीएसपी सोनीपत

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