सोनीपत का आइना बनेगा स्वर्णप्रस्थ संग्राहलय
- कोर्ट मोहल्ले में बिल्डिंग सौंदर्यकरण के बाद प्राचीन वस्तुओं का सजाने का चल रहा काम
- पर्यटकों के लिए खास रेस्टोरेंट भी होगा जिसमें मिलेगा हरियाणवी व्यंजन का स्वाद
जितेंद्र बूरा.
इतिहास केवल भोगा हुआ सच ही नहीं, बल्कि वर्तमान का आधार और भविष्य का बीजारोपण भी है। यमुना किनारे और दिल्ली से सटा स्वर्णप्रस्थ समय के साथ सोनीपत हो गया। अब शहर के बीच ऊंचे मिट्टी के थड़े पर बनी ब्रिटिश हुकूमत की कोर्ट बिल्डिंग जल्द ही इतिहास की गवाही देगी। जिला प्रशासन के सहयोग से सोसाइटी फॉर दी डेवलपमेंट एंड ब्यूटीफिकेशन ऑफ दी सोनीपत टाउन यहां स्वर्णप्रस्थ संग्राहलय बना रही है। हरियाणवी संस्कृति, अंग्रेजी हुकुमत से लेकर समय-समय पर आए बदलावों की झलक दिखाती 100 साल पुरानी वस्तुओं को इसमें सहेजने का कार्य चल रहा है। संग्राहलय सोनीपत का आइना होगा। यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को हरियाणवी व्यंजन का स्वाद देने के लिए खास रेस्टोरेंट तैयार हो रहा है। अगले चार माह में संग्रहालय लोकार्पण के लिए तैयार हो जाएगा।
13 लाख अाबादी वाले सोनीपत जिले का क्षेत्रफल 2,260 वर्ग किलोमीटर है। साक्षरता दर 80.8% है और राजधानी दिल्ली से 43 किलोमीटर उत्तर पश्चिम की तरफ बसे सोनीपत की समुद्रतल से ऊंचाई 225 मीटर है। भविष्य को लेकर भागदौड़ कर रहे जिले में अब अपने भूतकाल को सहेजने के लिए भी अहम कदम उठाए जा रहे हैं। शहर के बीच ऊंचाई पर एक जमाने में अंग्रेजों ने यहां कोर्ट, तहसील, ट्रेजरी बनाई थी। हालात के थपेड़े खाकर बिल्डिंग खंडहर हो रही थी। ऐतिहासिक जमीन कब्जों से छोटी पड़ने लगी। पिछले 17 साल से धरोहरों को सहेजने में लगी सोसाइटी फॉर दी डेवलपमेंट एंड ब्यूटीफिकेशन ऑफ दी सोनीपत टाउन की पहल से इस जगह को नई रंगत मिली है।
नगर निगम ने दिया बजट, बदल गया बिल्डिंग का स्वरूप
डीसी के नेतृत्व वाली ब्यूटिफिकेशन सोसायटी ने संग्राहलय निर्माण की शुरुआत की। मुख्यमंत्री मनोहरलाल से लेकर केबिनेंट मंत्री कविता जैन तक इसके लिए आगे आए। नगर निगम से बजट मुहैया करवाया गया। पुरानी कोर्ट बिल्डिंग का सुधारीकरण ठीक उसी कलात्मक ठंग से किया गया है जिससे की इसकी प्राचीनता झलकती रहे। बिल्डिंग सुधारीकरण और चारदीवारी के साथ भव्य गेट बनाया गया है। अंदर सौंदर्यकरण बढ़ाने के लिए पार्क निर्माण करवाया जा रहा है। परिसर में एक टिकट बूथ, खिलौनों की दो दुकानें बनाई हैं। बच्चों के लिए आकर्षक बैंच व झूले पार्कों में लगेंगे।
लोगों ने दान दी वस्तुएं, डिस्पले के लिए बनेगी कमेटी
संग्राहलय में 13 विशेष कमरे और दो गैलरी बनाई गई हैं। इनमें अब वस्तुओं को सजाने का काम शुरू हो गया है। जिले के 90 से अधिक परिवारों ने अपने घरों में सहेजकर रखी गई प्राचीन वस्तुएं संग्राहलय के लिए दान में दी हैं। यह क्रम लगातार जारी है। इकट्ठा हो चुकी 3 हजार से अधिक वस्तुओं को कायदे से सजाने के लिए कमेटी बनी है। विशेष स्वर्णप्रस्थ कमरे में चार अहम पेंटिंग लगाई गई हैं। इसमें महाभारत के दौरान पांडुओं द्वारा मांगे गए पांच गांवों में से एक स्वर्णप्रस्थ को मांगते हुए दर्शाया गया है। दूसरी पेंडिंग महाभारत युद्ध के दौरान यहां बनाए गए कुएं पर पानी पीते की। तीसरी पेंटिंग में स्वर्णप्रस्थ के चार दरवाजे लाल दरवाजा, साबर दरवाजा, कुम्हार दरवाजा व थाना दरवाजा को दर्शाया है। सोनीपत में मीना माजरा में ऐतिहासिक खंडहर राजा चकवाबेन की राजधानी स्थल बताए गए हैं। चाैथी पेंटिंग इसी पर आधारित है।
हर कमरे की होगी अलग विशेषता
संग्राहलय के 13 कमरों में हर एक की अपनी विशेषता होगी। पहला कमरा जिले के शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों व जीवनी दिखाएगा। दूसरे में एतिहासिक पेंटिंग, तीसरा राजसिंहासन और मीडिया का प्रसार से जड़ा है। चौथे में ग्रामीण आंचल व धरोहर दिखेंगी। सोनीपत जिले सूर्यकवि से विख्यात पं. लख्मीचंद, किशनलाल भाट, पं. दीपचंद, हरदेवा, पं. मांगेराम, बाजे भगत जैसे सांगी हुए। पांचवा कमरा इन्ही के जीवन परिचय और संगीत कला का रहेगा। छठे कमरे में पुलिस इतिहास, सातवें में खेती उपकरण व परंपरा, आठवें में सोनीपत के एतिहासिक स्थलों की प्रदर्शनी, नौंवे कमरे में यहां आए साधु संतों की जानकारी, दसवें कमरे में प्रशासनिक गतिविधियां, ग्यारहवें कमरे में प्राचीन और वर्तमान करंसी व डाक टिकट के दौर दिखाया जाएगा। हरियाणवी सिनेमा की झलक भी एक कमरे में दिखेगी। प्राचीन रेलवे प्लेटफार्म और कोर्ट भी देखने को मिलेगी।
देशी खाने और रहने की भी व्यवस्था
बाहर से आए पर्यटकों के लिए विशेष वेलकम हाउस भी बनाया है। तीन डाइनिंग हाल है जिसमें हरियाणवी व्यंजन खाने को मिलेंगे। रिशेप्शन रूम पर इंट्री होगी। पर्यटकों के ठहरने के लिए तीन आधुनिक सुविधाओं वाले कमरे बनाए हैं। एक स्पेशल रूम भी अलग से है। बड़ी रसोई और मैनेजर रूम बना है। ब्यूटिफिकेशन सोसायटी के संयुक्त सचिव जसबीर खत्री का कहना है कि रेस्टोरेंट एक तरह से यह संग्राहलय का सौंदर्यकरण बनाए रखने के लिए आय का संसाधन भी बनेगा। संग्राहलय से यहां हलवाई हट्टा एवं अन्य पुराने बाजारें में दुकानदारों की ग्राहकी भी बढ़ेगी। कई दानी सज्जन व समाज सेवियों का एतिहासिक वस्तुएं जुटाने में सहयोग रहा है।
संग्राहलय निर्माण अंतिम चरण में : डीसी
स्वर्णप्रस्थ संग्राहलय निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। कमेटी गठित कर संग्राहलय में वस्तुएं बेहतर ढंग से डिस्पले की जाएंगी। म्यूजियम की गैलरी में छज्जे व सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ पर्यटकों के लिए वेलकम भवन का कार्य जल्द पूरा हो जाएगा। सोनीपत की एतिहासिक धरोहर को आने वाली पीढ़ियों के लिए सहजने का यह एक प्रयास है।
- के मकरदं पांडुरंग, डीसी एवं अध्यक्ष, सोसाइटी फॉर द डेवलपमेंट एंड ब्यूटीफिकेशन ऑफ द सोनीपत टाउन
पर्यटन क्षेत्र में चमकेगा सोनीपत : जैन
कोर्ट मोहल्ले में तैयार हो रहा स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करेगा। पर्यटन क्षेत्र में सोनीपत पहचान बनाएगा। इस क्षेत्र के इतिहास को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का काम संग्राहलय करेगा। निर्माण में गुणवत्ता अनुसार सामग्री व फर्निचर लगे इसके लिए दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। एतिहासिक धरोहरों को बचाने और सौंदर्यकरण के लिए सरकार अहम कदम उठा रही है।
- कविता जैन, कैबिनेट मंत्री हरियाणा सरकार


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