अय्याशी से एनकाउंटर तक के वो 18 घंटे...खाकी पर हमले की दिल दहला देने वाली वारदात

बुटाना चौकी से रात को प्लास्टिक का डंडा लेकर गश्त पर निकले एसपीओ व सिपाही की निर्मम हत्या की कहानी
- मरते-मरते हाथ पर हत्यारों का सुराग छोड़ गया बहादुर सिपाही
- मोबाइल लोकेशन से जींद में पकड़े आरोपी, मुठभेड़ में एक की मौत दो गिरफ्तार

सोनीपत, हरियाणा

30 जून 2020 मंगलवार सुबह 6:00 बजे। सोनीपत जिले में बुटाना पुलिस चौकी से रात को 12:00 बजे राइडर पर गश्त पर निकले एसपीओ कप्तान सिंह और सिपाही रविंदर ने चौकी में वापस आकर रिपोर्ट नहीं की। ऐसा कैसे हुआ, इसकी चर्चा चौकी में चल ही रही थी। तभी सूचना मिली कि चौकी से 800 मीटर दूर जींद रोड पर दोनों पुलिसकर्मियों के खून से लथपथ शव पड़े हुए हैं।
मौका ए वारदात पर आसपास के लोग इकट्ठा हो चुके थे। चौकी से टीम ने पहुंचकर उच्चाधिकारियों तक इसकी खबर पहुंचाई। सुबह 7:00 बजे तक पूरे पुलिस महकमे में हलचल ही चुकी थी। सिपाही रविंद्र का शव सड़क पर पड़ा था। जिस डंडे का डर दिखा अपराधियों को पकड़ने का प्रयास पुलिस करती है वह 
डंडा तेज हथियार से हार मान कर शव के ऊपर ही पड़ा था। राइडर पास में खड़ी थी। कुछ ही दूरी पर एसपीओ कप्तान मुंह के बल मृतक पड़ा हुआ था। सीने और गर्दन पर तेजधार हथियार से लगातार हमले किए गए थे। आखरी सांस तक हाथ में मोबाइल लेकर किसी को सूचना देने का प्रयास कप्तान सिंह ने किया मगर सफल नहीं हो सके। मोबाइल उसके हाथ में ही रखा हुआ मिला।
वारदात किस तरह की रही होगी इसका अंदाजा इसी से लगाया गया कि दोनों पुलिसकर्मियों के शरीर पर कई घाव थे और भारी मात्रा में खून बहा हुआ था। वारदात स्थल से गाड़ी के टायर खून से रंग कर सड़क निशान छोड़ गए। अंदाजा यहीं लगाया गया कि गाड़ी में सवार बदमाशों से पुलिसकर्मियों ने पूछताछ करनी चाहिए तो उन्होंने हमला कर दिया।



घर के इकलौते जवानों की मौत ने दहलाया
बुटाना चौकी में तैनात एसपीओ सफीदों क्षेत्र के कलावती गांव निवासी कप्तान 42 वर्ष व सफीदों क्षेत्र के ही बूढ़ाखेडा निवासी सिपाही रविंद्र 28 साल रात को गश्त पर हर रोज की तरह ही निकले थे। कप्तान के बेटे ने बताया कि पिता के साथ शाम को 8:00 बजे बात हुई थी और सुबह जल्दी आने की बात उन्होंने कही थी। वारदात के बाद करीब 8:00 बजे एसपी जश्नदीप रंधावा मौके पर पहुंचे। जांच करने पर मौके पर झड़प के निशान मिले। घटना रोंगटे खड़े कर देने वाली थी और हैरानी भी पैदा कर रही थी कि ऐसा हुआ कैसे। आखिर पुलिस कर्मचारियों की हत्या आरोपियों से क्या कहा सुनी हुई कि इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया। सुबह करीब 11 बजे एडीजीपी संदीप खिरवार ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। मौके पर बुलाकर डॉग स्क्वायड से जांच करवाई, परंतु कुछ खास सुराग नहीं मिला। 


हाथ पर गाड़ी का नंबर बना हत्यारों का सुराग
इसके बाद खुद डीजीपी मनोज़ यादव दोपहर 1:00 बजे गोहाना पहुंचे। तभी एफएसएल व जांच टीम को सिपाही रवींद्र के दाएं हाथ पर एक गाड़ी का नंबर लिखा मिला। जो हरियाणा की गाड़ी का था। जांच के जुटी पुलिस के दिमाग में वारदात का सीन घूमने लगा था। बहादुर सिपाही रविंद्र मुकाबला करते हुए चाकुओं से घायल होकर गिर गया तो उसने दम तोड़ने से पहले अपने हाथ पर गाड़ी का नंबर लिख लिया।मरने से पहले नंबर लिखी मुट्‌ठी तक बंद कर ली थी। रविंद्र का फोन भी मौके से गायब मिला। जबकि एसपीओ का मोबाइल उसके हाथ मे मिला। दोनों पुलिसकर्मी परिवार में इकलौते बेटे थे। कप्तान शादीशुदा था और उसका इकलौता बेटा है। 


8 टीम गठित हुई, हर तरफ हुई तलाश
डीजीपी मनोज यादव ने रोहतक रेंज पुलिस की 8 टीमें गठित कर जांच के निर्देश दिए। करीब 60
पुलिस कर्मचारियों ने 5 किलोमीटर का एरिया सर्च किया। साइबर सेल भी अपनी तकनीक से बदमाशों तक पहुंचने के प्रयास में जुट गई थी। रात को 3:00 से 5:00 के बीच वारदात के दौरान इस क्षेत्र में चालू मोबाइल के डंप उठाए गए। गाड़ी के नंबर के हिसाब से पता लगाया तो यह जींद की गाड़ी थी। कुछ संदिग्ध नंबर भी थे जिनके लोकेशन जींद क्षेत्र की आ रही थी। गाड़ी मालिक ने बताया कि उसने तो यह गाड़ी एक महीना पहले ही बेच दी थी।


टारगेट पर जींद क्षेत्र बनाकर शाम को पहुंची पुलिस
शाम को सीआईए सोनीपत ने जींद से रोहतक रोड पर रेड की। साइबर सेल इंस्पेक्टर प्रशांत टीम को आरोपी की लगातार लोकेशन दे रहे थे। सीआईए टीम जींद की भगवान कॉलोनी पहुंची। इसके बाद एक आरोपी को पकड़ लिया। इसने अपने साथियों के 
नाम बताए। पुलिस ने इसकी निशानदेही पर जब उसके  साथियों पकड़ना चाहा तो आरोपियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। साइबर सेल इंस्पेक्टर प्रशांत , सीआईए 2 प्रभारी अनिल, एएसआई मंदीप, हेड कांस्टेबल राजेश चाकू लगने से घायल हुए। एएसआई मंदीप ने बताया बचाव में पुलिस ने भी गोली चलाई। जिसमें एक आरोपी अमित मारा गया। जबकि अन्य को पकड़ लिया। 

दो लड़कियों के साथ रात को कर रहे थे अय्याशी, वारदात कर दूसरे रास्ते से हुए फरार
एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि गश्त कर रहे एसपीओ कप्तान व सिपाही रवींद्र ने  सड़क के पास गाड़ी देखी। पास जाने पर देखा कि दो लड़कियों के साथ चार युवक थे। शराब पीकर अय्याशी कर रहे थे। इनमें बदमाश अमित, संदीप, विकास व नीरज शामिल थे। वे जींद से यहां पहुंचे और इसी क्षेत्र की दो युवतियों को मित्रता से बुलाया। युवतियां घरवालों को नींद की गोलियां खिलाकर आई थी। पुलिस कर्मियों ने पूछताछ की तो आरोपी अमित ने साथियों के साथ मिलकर एसपीओ व सिपाही की तेजधार हथियार से हत्या कर दी। ये गोहाना से इसराना होते हुए रात को गांवों के रास्ते जींद पहुंचे। 18 घंटे में पुलिस ने वारदात सुलझा ली।
 पुलिस के जवानों को सोनीपत पुलिस के हर जवान ने श्रद्धांजलि देते हुए अपना एक दिन का वेतन उनके परिवार को दिया।...

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