हाईवे पर खादर की धरती का अपना रुतबा, हरियाणा को दिलाई कारोबारी पहचान
जितेंद्र बूरा.
यमुना तलहटी किनारे की उपजाऊ भूमि से फसलों के रूप में सोना पैदा कर और हाईवे की रफ्तार के साथ खुद को दौड़ाता यह है हरियाणा का "खादर'। सोनीपत में सूर्य कवि पं. लख्मीचंद से हरियाणवी लोक गीत-संगीत की परंपरा को जन्म दिया। पानीपत में प्रख्यात शायर अल्ताफ हुसैन हाली की नज्मों और गजलों से खादर सराबोर रहा है। यमुनानगर से सोनीपत तक खादर के लोगों ने अब खेती के साथ उद्योग में विदेशों तक पहचान बनाई है। पिछले पचास सालों में सांस्कृतिक, शैक्षणिक, व्यापारिक, राजनीतिक क्षेत्र के अनेक बदलाव यहां के लोगों ने देखे हैं। 21 फरवरी 1967 में यमुनानगर से कांग्रेस पार्टी से विधायक बने पं. भगवतदयाल शर्मा के रूप में हरियाणा को पहला मुख्यमंत्री दिया। प्रदेश का स्वर्ण जयंती वर्ष करनाल विधानसभा सीट से चुनकर बने मुख्यमंत्री मनोहरलाल के साथ खादर ने मनाया है।
हरियाणा एक-हरियाणवी एक, का नारा मौजूदा सरकार दे रही है। फिर भी सत्ता परिवर्तन में खादर बेल्ट के यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिले अपनी भागीदारी से उत्साहित है। हाईवे पर चमचमाते होटल और ढाबों में स्वादिष्ट खाने का जायका है। खादर के 15 हजार से अधिक युवा दिल्ली, गुडग़ांव, फरीदाबाद में नौकरी पर जाते हैं और रविवार को वापस घर भी आते हैं। सेना में भी खादर के वीरों ने खूब बहादुरी दिखाई। खादर ने पानीपत और यमुनानगर थर्मल प्लांट की बिजली से हरियाणा को रोशन किया। पानीपत के सनौली रोड पर पुल बनाकर यूपी को जोड़ा और फिर करनाल, यमुनानगर और सोनीपत क्षेत्र में यमुना पुल बने। धर्म नगरी और विश्व को गीता का उपदेश देने वाली कुरुक्षेत्र की भूमि से ही 1957 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की शुरुआत कर प्रदेश में शिक्षा की अलख जगाई। सोनीपत अब शिक्षा हब बन रहा है। भालगढ़ में साई सेंटर बनने से कुश्ती के अंतर्राष्ट्रीय पहलवान निकले। यमुनानगर के प्लाइवुड उद्योग ने घरों के दरवाजे लगाए तो जगाधरी के बर्तन उद्योग ने रसोई में पीतल व स्टील के बर्तन पहुंचाकर खाना परोसा। करनाल की भूमि और राइस मिलर ने देश-विदेश तक चावल पहुंचा रहा है। पानीपत के कंबल, हैंडलूम, टैक्सटाइल उद्योग ने विदेशों तक पहचान बनाकर घरों की रंगत लाकर "औढऩ और पहरण' में बदलाव दिया। देश-प्रदेश को साइकिल देने वाले सोनीपत ने खुद को एजुकेशन सिटी के तौर पर तैयार कर लिया है। मुंबई, दिल्ली के बाद फैशन पानीपत, करनाल में दस्तक देता है। गांवों में दूध-दही का खाणा बरकरार है तो शहर चटपटे व तीखे स्वाद की तरफ बढ़कर छोले कुलचे, गोल-गप्पे, टिक्की, पीजा, बर्गर, चाउमिन को दिनचर्या में ले आए हैं। जगाधरी के पूरी-छोले तो समालखा का घेवर आज भी पहचान बनाए है।
1 नवंबर 1966 को हरियाणा बनने के दौरान खादर में अंबाला और करनाल जिला था। इसके बाद खादर बेल्ट में 22 दिसंबर 1972 को सोनीपत, 23 जनवरी 1973 को कुरुक्षेत्र, 1 नवंबर 1989 को यमुनानगर व पानीपत जिला बने। खादर बेल्ट यूपी की सीमा से सटी है। यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज से यूपी, हरियाणा ओर दिल्ली में पानी बांटा जाता है। प्रदेश की पानी से बिजली पैदा करने वानी पन चक्की भी यहां लगी।
धरोहर : आने वाली पीढिय़ों के लिए सहेजी
हरियाणा की संस्कृति को आने वाली पीढिय़ों तक पहुंचाने के लिए कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में दस साल पहले धरोहर हरियाणा संग्रहालय बना। संग्रहालय के प्रभारी डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि यह एक अनूठी पहल थी और संग्रहालय को बनाने के लिए एक हजार से अधिक लोगों ने वस्तुएं दान की हैं। उग्रा खेड़ी के पास सनोली रोड पर काला अंब उन मराठों की याद में बनवाया गया था जिन्होंने 1761 में अहमद शाह अब्दाली के साथ पानीपत की तीसरी लड़ाई लड़ी थी। सीएम घोषणा अनुसार पानीपत की तीनों लड़ाइयों के सूचक काला आंब को राष्ट्रीय पर्यटक केंद्र बनाया जाएगा। इसमें सभी योद्धाओं की स्मृतियां स्थापित की जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से एक पुलिस चौकी भी बनाई जाएगी। प्रदेश सरकार इसे लेकर पांच करोड़ पहले ही दे चुकी है। पानीपत में सौदापुर स्थित हेमचंद्र विक्रमादित्य की समाधि को भी ऐतिहासिक स्थल बनाया जाएगा।
खेती : चावल के साथ म्हारी सब्जी भी खाएंगे विदेशी
हरियाणा 42 लाख टन धान उत्पादन करता है। इसमें 30 लाख टन धान खादर बेल्ट पैदा करती है। अरब कंट्री में धान जाती है। यमुनानगर से दिल्ली तक यमुना तलहटी के 35 हजार हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन होता है। पेठा, खीरा, ककड़ी, घीया, तरबूज, गोभी सहित अनेक सब्जियां दिल्ली की आजादपुर मंडी में यह बेल्ट देकर आमदनी कर रही है। 80 हजार हेक्टेयर में यह बेल्ट गन्ना उत्पादन करती है। गोहाना, पानीपत, शाहबाद के शुगर मिल में इससे चीनी पैदा होती है। सोनीपत के मेहंदीपुर गांव के किसान भोलू और पानीपत में उग्रा खेड़ी के प्रगतिशील किसान जसबीर मलिक बताते हैं कि यमुना की उपजाऊ जमीन से यहां के किसान अच्छा उत्पादन कर और हाईवे से दिल्ली तक फसल पहुंचाकर खासी आय ले रहे हैं। गन्नौर में एशिया स्तर की भारतीय अंतर्राष्ट्रीय बागवानी मार्केट का निर्माण 537 एकड़ में चल रहा है। 14 फरवरी 2014 को सांसद राहुल गांधी व तत्कालीन सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने किया। फल, सब्जी, फूल एवं डेरी उत्पादों के टर्मिनल से खादी बेल्ट को खूब फायदा होगा।
उद्योग : विदेश तक टेक्सटाइल, बर्तन, प्लाइवुड पहुंचाया
टेक्सटाइल : महात्मा गांधी 11 नवंबर 1947 को पानीपत आए थे। घरों में उनसे प्रेरित होकर सूती दरियां बनाई जाती थी। आजादी के बाद पाकिस्तान के हैदराबाद से पानीपत में विस्थापित होकर स्व. उस्ताद नंदलाल ने घर में खड्डी लगाकर पानीपत हथकरघा उद्योग की शुरुआत की। 1950 के अंत में पानीपत में पहली सोसायटी दी गांधी हैदराबाद वीवर्स को.ओ. सोसायटी बनी जिसके 500 सदस्य थे। अब पानीपत हैंडलूम, कंबल एवं टेक्सटाइल उत्पादों से विदेशों तक विख्यात है। 2 हजार से अधिक उद्योग सालाना 5 हजार करोड़ से अधिक का निर्यात करते हैं और घरेलू कारोबार भी 2 हजार करोड़ तक का है। हरियाणा चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री अध्यक्ष प्रीतम सचदेवा का कहना है कि आने वाले सालों में 100 से ज्यादा यूनिट लगेंगी। यूनिट से सीधे, जॉब वर्क और बायप्रोडक्ट बनाने से बेचने वालों तक लाख से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
चावल उद्योग : करनाल के तरावड़ी क्षेत्र से चावल मिल उद्योग की शुरुआत हुई। प्रदेश में अब 1 हजार राइस मिल हैं जिनमें 300 करीब खादर क्षेत्र में हैं। सउदी, इरान, इराक, दुबई, यमन, टर्की, यूके, जर्मनी, यूएसएस आदि देशों में सालाना 8 हजार करोड़ का चावल एक्सपोर्ट होता है। हरियाणा राइस एक्सपोर्टर एसोसिएशन प्रधान सुशील जैन का कहना है कि समय के साथ प्लांट आधुनिक हुए हैं। एक्सपोर्ट में क्वालिटी में सुधार किया है। एक्सपोर्ट पर दूसरे प्रदेशों में 2 प्रतिशत मार्केट फीस और 2 प्रतिशत रूरल डेवलपमेंट फीस माफ कर रही हैं। हमारे यहां 4 प्रतिशत ली जा रही है, सरकार सहयोग दे। ग्लैक्सी, वीर, डबल चाबी, कोहिनूर, दावत, बैस्ट, दुनार, रोमा, एएटी, देवम, महारानी जैसे प्रमुख ब्रांड है।
प्लाइवुड उद्योग : यमुनानगर प्लाइवुड में उत्तर भारत का सबसे बड़ा हब बना है। प्लाईवुड के 325 के करीब उद्योग है। प्लाइवुड इंडस्ट्री एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र चावला ने बताया कि देशभर के 22 लाख दुकानदार प्लाइवुड कारोबार से जुड़े हैं। यमुनानगर का हर चौथा आदमी इससे आय ले रहा है।
बर्तन उद्योग : जगाधरी में छोटी बड़ी 800 के करीब ईकाई हैं। बर्तन कारोबारी विभोर पाहुजा का कहना है कि पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार तक के लोगों को रोजगार बर्तन उद्योग ने दिया है। डेढ़ लाख से अधिक लोग सीधे उद्योग से जुड़कर रोजगार चला रहे। उत्तर भारत का सबसे रेलवे वर्कशाप भी जगाधरी है।
हाईवे पर कारोबार : 50 साल पहले तक हाईवे से दूर हटकर बसने वाली खादर बेल्ट अब हाईवे से खूब आमदनी कर रही है। चंडीगढ़ से दिल्ली के बीच करनाल में इकलौता फाइव स्टार नूरमहल होटल बना। मुरथल में सुखदेव ढाबा, हवेली, समालखा के पास फूड गैरेज, चौकी धानी, करनाल की कर्ण लेक सहित सैकड़ों छोटे ढाबों व दुकानों का कारोबार बढ़ा है। करनाल ऑटोमोबाइल एजेंसी का हब बना रहा है।
धार्मिक : गीता का पाठ पढ़ाया, सरस्वती और यमुना भी यहां
कुरुक्षेत्र में गीता उपदेश स्थली और पवित्र ब्रह्मसरोवर है। यमुनानगर क्षेत्र में आदि बदरी का ऐतिहासिक मंदिर है। केदारनाथ, बदरीनाथ और हिंदुस्तान का एकमात्र मंदिर माता मंत्रादेवी यहां है। आदि बादरी में सरस्वती नदी का उदगम स्थल है। सरकार द्वारा अब यहां सरस्वती नदी की खुदाई चल रही है। तीन दर्जन गांवों से होकर कुरुक्षेत्र तक यह पहुंचेगी। पानीपत में ऐतिहासिक देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। पानीपत शहर के बीच 700 साल पुरानी हजरत बू अली शाह कलंदर दरगाह है। देश के विभिन्न हिस्सों से यहां लोग मन्नत मांगने आते हैं। भारत, पाकिस्तान व अन्य क्षेत्रों में हजरत बू अली शाह कलंदर की 1200 के करीब दरगाह हैं। पानीपत की मुख्य दरगाह ही ऐसी हैं, जहां मन्नत के ताले लगाए जाते हैं। यमुना नगर के टोपरा कलां में 50 करोड़ रुपए सरकार ने बौद्ध धर्म की मूर्तियों के लिए मंजूर किए हैं।
शिक्षा : 1923 में लिखी इंग्लिश ग्रामर पढ़ता था हरियाण व पंजाब
वर्ष 1957 में 15 विद्यार्थियों और 6 प्रोफेसर से शुरुआत करने वाली कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने प्रदेश में शिक्षा क्रांति शुरू की। यूनिवर्सिटी में अब 12 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं रेगुलर, 50 हजार के करीब विद्यार्थी डिस्टेंस से और करबी सवा लाख विद्यार्थी विभिन्न जुड़े हुए कॉलेजों से शिक्षा ले रहे हैं। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के रीजनल सेंटर से बाद में हिसार की गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, सिरसा की चौ. देवीलाल यूनिवर्सिटी, रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी और जींद चौ. रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी मिली। सोनीपत एजुकेशन हब बन गया है। पिछली सरकार में राजीव गांधी एजुकेशन सिटी यहां बनाई गई जहां पर कई यूनिवर्सिटी स्थापित हुई हैं। एडवोकेट जोगेंद्र पाल राठी ने बताया कि समालखा क्षेत्र के गांव मनाना के स्व. दुलीचंद राठी जाट स्कूल रोहतक में हेडमास्टर रहते हुए 15 अगस्त 1923 को इंग्लिश ग्रामर पुस्तक लिखी जोकि अंग्रेजी विषय के विद्यार्थियों के लिए पंजाब, हरियाणा में काफी विख्यात रही।
राजनीति : जीटी रोड बेल्ट को फिर मिला सीएम
पानीपत क्षेत्र के मनाना से दुलीचंद राठी आजादी से पहले करनाल क्षेत्र से एमएलसी रहे। समालखा क्षेत्र से वर्ष 1957 से 1962 तक उनके बेटे धर्मसिंह राठी आजाद उम्मीदवार के तौर पर विधायक रहे। हरियाणा बनने के बाद पं. भगवत दयाल शर्मा मुख्यमंत्री बने। 3 महीने 21 दिन के पश्चात हरियाणा प्रदेश का पहला विधानसभा चुनाव हुआ। 48 सीटें प्राप्त कर कांग्रेस ने पं. भगवत दयाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार बनाई। 10 मार्च 1967 को 13 दिन बाद ही राजनीतिक उठापटक में पं. भगवत दयाल शर्मा की कुर्सी छिन गई। खादर की धरती को करनाल सीट से मनोहरलाल के तौर पर सीएम मिला है। इस बार भी सत्ता परिवर्तन में खादर क्षेत्र का अहम योगदान रहा।
खेल : कुश्ती के राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण संस्थान
खादर की मिट्टी का कर्ज अदा करते हुए सितम्बर 2000 में सिडनी में हुए ओलंपिक खेलों में यमुनानगर की बहू कर्णम मल्लेश्वरी 69 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में मेडल पाने वाली पहली भारतीय महिला बनी। सोनीपत के भालगढ़ में भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा चौधरी देवीलाल उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र, रोई में स्पोर्टस स्कूल, राजीव गांधी खेल स्टेडिमय में हॉकी के लिए आधुनिक मैदान है। उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र में कुश्ती, जूनियर मुक्केबाजी, कबड्?डी और तीरंदाजी के नेशनल कैंप लगते रहते हैं। सोनीपत जिले के हर गांव में युवा और बच्चे खेलों में भागीदारी दे रहे हैं। हॉकी की भारतीय टीम के मंदीप अंतिल कप्तान रह चुके, प्रीतम सिवाच कोच व कैप्टन रह चुके। कुश्ती में योगेश्वर दत्त ओलंपिक में ब्रांज मेडल, अमित दहिया ओलंपियन रहे, मौसम खत्री ने एशियाड मेडल, अनिल खत्री कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल, सीमा अंतिल ने एथलेटिक्स में एशियाड व कॉमनवेल्थ में मेडल पाया। बैडमिंटन में सौरव शर्मा राष्ट्रीय सीनियर टीम में शामिल है। पानीपत के बांध के सुरजीत बांध हिंद केसरी बने हैं। कबड्?डी कोच आरएस खोखरी बताते हैं कि कबड्?डी में हरियाणा का हमेशा दबदबा रहा है। कबड्?डी में पानीपत और सोनीपत जिले से अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले हैं।
सेना का जज्बा : खादर ने भी देश को दिए अनेक वीर
अंबाला के बोह गांव के सुबेदार अजमेर सिंह को 1965 में वीर चक्र, सोनीपत के बढ़ाणा निरधन के नायक मुंशीराम को 1962 में वीर चक्र, करनाल के उपलाना गांव के कर्नल देवेंद्र सिंह राजपूत को 1971 में वीर चक्र, सोनीपत के सिसाना के कर्नल होशियार सिंह को 1971 में परमवीर चक्र, अंबाला के मेजर विजय रतन चौधरी को 1971 में महावीर चक्र मिला। सेना से सेवानिवृत पानीपत के कर्नल आरसी नागपाल के अनुसार सेना में जीटी रोड बेल्ट के युवाओं की भूमिका अहम रही है। सेना की भर्ती के लिए 30 हजार के करीब युवा खादर के जिलों में प्रैक्टिस कर रहे हैं। पिछले साल हुई भर्ती में सोनीपत, पानीपत जिले से ही 10 हजार युवा भर्ती में शामिल हुए।
यमुना तलहटी किनारे की उपजाऊ भूमि से फसलों के रूप में सोना पैदा कर और हाईवे की रफ्तार के साथ खुद को दौड़ाता यह है हरियाणा का "खादर'। सोनीपत में सूर्य कवि पं. लख्मीचंद से हरियाणवी लोक गीत-संगीत की परंपरा को जन्म दिया। पानीपत में प्रख्यात शायर अल्ताफ हुसैन हाली की नज्मों और गजलों से खादर सराबोर रहा है। यमुनानगर से सोनीपत तक खादर के लोगों ने अब खेती के साथ उद्योग में विदेशों तक पहचान बनाई है। पिछले पचास सालों में सांस्कृतिक, शैक्षणिक, व्यापारिक, राजनीतिक क्षेत्र के अनेक बदलाव यहां के लोगों ने देखे हैं। 21 फरवरी 1967 में यमुनानगर से कांग्रेस पार्टी से विधायक बने पं. भगवतदयाल शर्मा के रूप में हरियाणा को पहला मुख्यमंत्री दिया। प्रदेश का स्वर्ण जयंती वर्ष करनाल विधानसभा सीट से चुनकर बने मुख्यमंत्री मनोहरलाल के साथ खादर ने मनाया है।
हरियाणा एक-हरियाणवी एक, का नारा मौजूदा सरकार दे रही है। फिर भी सत्ता परिवर्तन में खादर बेल्ट के यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिले अपनी भागीदारी से उत्साहित है। हाईवे पर चमचमाते होटल और ढाबों में स्वादिष्ट खाने का जायका है। खादर के 15 हजार से अधिक युवा दिल्ली, गुडग़ांव, फरीदाबाद में नौकरी पर जाते हैं और रविवार को वापस घर भी आते हैं। सेना में भी खादर के वीरों ने खूब बहादुरी दिखाई। खादर ने पानीपत और यमुनानगर थर्मल प्लांट की बिजली से हरियाणा को रोशन किया। पानीपत के सनौली रोड पर पुल बनाकर यूपी को जोड़ा और फिर करनाल, यमुनानगर और सोनीपत क्षेत्र में यमुना पुल बने। धर्म नगरी और विश्व को गीता का उपदेश देने वाली कुरुक्षेत्र की भूमि से ही 1957 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की शुरुआत कर प्रदेश में शिक्षा की अलख जगाई। सोनीपत अब शिक्षा हब बन रहा है। भालगढ़ में साई सेंटर बनने से कुश्ती के अंतर्राष्ट्रीय पहलवान निकले। यमुनानगर के प्लाइवुड उद्योग ने घरों के दरवाजे लगाए तो जगाधरी के बर्तन उद्योग ने रसोई में पीतल व स्टील के बर्तन पहुंचाकर खाना परोसा। करनाल की भूमि और राइस मिलर ने देश-विदेश तक चावल पहुंचा रहा है। पानीपत के कंबल, हैंडलूम, टैक्सटाइल उद्योग ने विदेशों तक पहचान बनाकर घरों की रंगत लाकर "औढऩ और पहरण' में बदलाव दिया। देश-प्रदेश को साइकिल देने वाले सोनीपत ने खुद को एजुकेशन सिटी के तौर पर तैयार कर लिया है। मुंबई, दिल्ली के बाद फैशन पानीपत, करनाल में दस्तक देता है। गांवों में दूध-दही का खाणा बरकरार है तो शहर चटपटे व तीखे स्वाद की तरफ बढ़कर छोले कुलचे, गोल-गप्पे, टिक्की, पीजा, बर्गर, चाउमिन को दिनचर्या में ले आए हैं। जगाधरी के पूरी-छोले तो समालखा का घेवर आज भी पहचान बनाए है।
1 नवंबर 1966 को हरियाणा बनने के दौरान खादर में अंबाला और करनाल जिला था। इसके बाद खादर बेल्ट में 22 दिसंबर 1972 को सोनीपत, 23 जनवरी 1973 को कुरुक्षेत्र, 1 नवंबर 1989 को यमुनानगर व पानीपत जिला बने। खादर बेल्ट यूपी की सीमा से सटी है। यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज से यूपी, हरियाणा ओर दिल्ली में पानी बांटा जाता है। प्रदेश की पानी से बिजली पैदा करने वानी पन चक्की भी यहां लगी।
धरोहर : आने वाली पीढिय़ों के लिए सहेजी
हरियाणा की संस्कृति को आने वाली पीढिय़ों तक पहुंचाने के लिए कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में दस साल पहले धरोहर हरियाणा संग्रहालय बना। संग्रहालय के प्रभारी डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि यह एक अनूठी पहल थी और संग्रहालय को बनाने के लिए एक हजार से अधिक लोगों ने वस्तुएं दान की हैं। उग्रा खेड़ी के पास सनोली रोड पर काला अंब उन मराठों की याद में बनवाया गया था जिन्होंने 1761 में अहमद शाह अब्दाली के साथ पानीपत की तीसरी लड़ाई लड़ी थी। सीएम घोषणा अनुसार पानीपत की तीनों लड़ाइयों के सूचक काला आंब को राष्ट्रीय पर्यटक केंद्र बनाया जाएगा। इसमें सभी योद्धाओं की स्मृतियां स्थापित की जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से एक पुलिस चौकी भी बनाई जाएगी। प्रदेश सरकार इसे लेकर पांच करोड़ पहले ही दे चुकी है। पानीपत में सौदापुर स्थित हेमचंद्र विक्रमादित्य की समाधि को भी ऐतिहासिक स्थल बनाया जाएगा।
खेती : चावल के साथ म्हारी सब्जी भी खाएंगे विदेशी
हरियाणा 42 लाख टन धान उत्पादन करता है। इसमें 30 लाख टन धान खादर बेल्ट पैदा करती है। अरब कंट्री में धान जाती है। यमुनानगर से दिल्ली तक यमुना तलहटी के 35 हजार हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन होता है। पेठा, खीरा, ककड़ी, घीया, तरबूज, गोभी सहित अनेक सब्जियां दिल्ली की आजादपुर मंडी में यह बेल्ट देकर आमदनी कर रही है। 80 हजार हेक्टेयर में यह बेल्ट गन्ना उत्पादन करती है। गोहाना, पानीपत, शाहबाद के शुगर मिल में इससे चीनी पैदा होती है। सोनीपत के मेहंदीपुर गांव के किसान भोलू और पानीपत में उग्रा खेड़ी के प्रगतिशील किसान जसबीर मलिक बताते हैं कि यमुना की उपजाऊ जमीन से यहां के किसान अच्छा उत्पादन कर और हाईवे से दिल्ली तक फसल पहुंचाकर खासी आय ले रहे हैं। गन्नौर में एशिया स्तर की भारतीय अंतर्राष्ट्रीय बागवानी मार्केट का निर्माण 537 एकड़ में चल रहा है। 14 फरवरी 2014 को सांसद राहुल गांधी व तत्कालीन सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने किया। फल, सब्जी, फूल एवं डेरी उत्पादों के टर्मिनल से खादी बेल्ट को खूब फायदा होगा।
उद्योग : विदेश तक टेक्सटाइल, बर्तन, प्लाइवुड पहुंचाया
टेक्सटाइल : महात्मा गांधी 11 नवंबर 1947 को पानीपत आए थे। घरों में उनसे प्रेरित होकर सूती दरियां बनाई जाती थी। आजादी के बाद पाकिस्तान के हैदराबाद से पानीपत में विस्थापित होकर स्व. उस्ताद नंदलाल ने घर में खड्डी लगाकर पानीपत हथकरघा उद्योग की शुरुआत की। 1950 के अंत में पानीपत में पहली सोसायटी दी गांधी हैदराबाद वीवर्स को.ओ. सोसायटी बनी जिसके 500 सदस्य थे। अब पानीपत हैंडलूम, कंबल एवं टेक्सटाइल उत्पादों से विदेशों तक विख्यात है। 2 हजार से अधिक उद्योग सालाना 5 हजार करोड़ से अधिक का निर्यात करते हैं और घरेलू कारोबार भी 2 हजार करोड़ तक का है। हरियाणा चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री अध्यक्ष प्रीतम सचदेवा का कहना है कि आने वाले सालों में 100 से ज्यादा यूनिट लगेंगी। यूनिट से सीधे, जॉब वर्क और बायप्रोडक्ट बनाने से बेचने वालों तक लाख से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
चावल उद्योग : करनाल के तरावड़ी क्षेत्र से चावल मिल उद्योग की शुरुआत हुई। प्रदेश में अब 1 हजार राइस मिल हैं जिनमें 300 करीब खादर क्षेत्र में हैं। सउदी, इरान, इराक, दुबई, यमन, टर्की, यूके, जर्मनी, यूएसएस आदि देशों में सालाना 8 हजार करोड़ का चावल एक्सपोर्ट होता है। हरियाणा राइस एक्सपोर्टर एसोसिएशन प्रधान सुशील जैन का कहना है कि समय के साथ प्लांट आधुनिक हुए हैं। एक्सपोर्ट में क्वालिटी में सुधार किया है। एक्सपोर्ट पर दूसरे प्रदेशों में 2 प्रतिशत मार्केट फीस और 2 प्रतिशत रूरल डेवलपमेंट फीस माफ कर रही हैं। हमारे यहां 4 प्रतिशत ली जा रही है, सरकार सहयोग दे। ग्लैक्सी, वीर, डबल चाबी, कोहिनूर, दावत, बैस्ट, दुनार, रोमा, एएटी, देवम, महारानी जैसे प्रमुख ब्रांड है।
प्लाइवुड उद्योग : यमुनानगर प्लाइवुड में उत्तर भारत का सबसे बड़ा हब बना है। प्लाईवुड के 325 के करीब उद्योग है। प्लाइवुड इंडस्ट्री एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र चावला ने बताया कि देशभर के 22 लाख दुकानदार प्लाइवुड कारोबार से जुड़े हैं। यमुनानगर का हर चौथा आदमी इससे आय ले रहा है।
बर्तन उद्योग : जगाधरी में छोटी बड़ी 800 के करीब ईकाई हैं। बर्तन कारोबारी विभोर पाहुजा का कहना है कि पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार तक के लोगों को रोजगार बर्तन उद्योग ने दिया है। डेढ़ लाख से अधिक लोग सीधे उद्योग से जुड़कर रोजगार चला रहे। उत्तर भारत का सबसे रेलवे वर्कशाप भी जगाधरी है।
हाईवे पर कारोबार : 50 साल पहले तक हाईवे से दूर हटकर बसने वाली खादर बेल्ट अब हाईवे से खूब आमदनी कर रही है। चंडीगढ़ से दिल्ली के बीच करनाल में इकलौता फाइव स्टार नूरमहल होटल बना। मुरथल में सुखदेव ढाबा, हवेली, समालखा के पास फूड गैरेज, चौकी धानी, करनाल की कर्ण लेक सहित सैकड़ों छोटे ढाबों व दुकानों का कारोबार बढ़ा है। करनाल ऑटोमोबाइल एजेंसी का हब बना रहा है।
धार्मिक : गीता का पाठ पढ़ाया, सरस्वती और यमुना भी यहां
कुरुक्षेत्र में गीता उपदेश स्थली और पवित्र ब्रह्मसरोवर है। यमुनानगर क्षेत्र में आदि बदरी का ऐतिहासिक मंदिर है। केदारनाथ, बदरीनाथ और हिंदुस्तान का एकमात्र मंदिर माता मंत्रादेवी यहां है। आदि बादरी में सरस्वती नदी का उदगम स्थल है। सरकार द्वारा अब यहां सरस्वती नदी की खुदाई चल रही है। तीन दर्जन गांवों से होकर कुरुक्षेत्र तक यह पहुंचेगी। पानीपत में ऐतिहासिक देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। पानीपत शहर के बीच 700 साल पुरानी हजरत बू अली शाह कलंदर दरगाह है। देश के विभिन्न हिस्सों से यहां लोग मन्नत मांगने आते हैं। भारत, पाकिस्तान व अन्य क्षेत्रों में हजरत बू अली शाह कलंदर की 1200 के करीब दरगाह हैं। पानीपत की मुख्य दरगाह ही ऐसी हैं, जहां मन्नत के ताले लगाए जाते हैं। यमुना नगर के टोपरा कलां में 50 करोड़ रुपए सरकार ने बौद्ध धर्म की मूर्तियों के लिए मंजूर किए हैं।
शिक्षा : 1923 में लिखी इंग्लिश ग्रामर पढ़ता था हरियाण व पंजाब
वर्ष 1957 में 15 विद्यार्थियों और 6 प्रोफेसर से शुरुआत करने वाली कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने प्रदेश में शिक्षा क्रांति शुरू की। यूनिवर्सिटी में अब 12 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं रेगुलर, 50 हजार के करीब विद्यार्थी डिस्टेंस से और करबी सवा लाख विद्यार्थी विभिन्न जुड़े हुए कॉलेजों से शिक्षा ले रहे हैं। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के रीजनल सेंटर से बाद में हिसार की गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, सिरसा की चौ. देवीलाल यूनिवर्सिटी, रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी और जींद चौ. रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी मिली। सोनीपत एजुकेशन हब बन गया है। पिछली सरकार में राजीव गांधी एजुकेशन सिटी यहां बनाई गई जहां पर कई यूनिवर्सिटी स्थापित हुई हैं। एडवोकेट जोगेंद्र पाल राठी ने बताया कि समालखा क्षेत्र के गांव मनाना के स्व. दुलीचंद राठी जाट स्कूल रोहतक में हेडमास्टर रहते हुए 15 अगस्त 1923 को इंग्लिश ग्रामर पुस्तक लिखी जोकि अंग्रेजी विषय के विद्यार्थियों के लिए पंजाब, हरियाणा में काफी विख्यात रही।
राजनीति : जीटी रोड बेल्ट को फिर मिला सीएम
पानीपत क्षेत्र के मनाना से दुलीचंद राठी आजादी से पहले करनाल क्षेत्र से एमएलसी रहे। समालखा क्षेत्र से वर्ष 1957 से 1962 तक उनके बेटे धर्मसिंह राठी आजाद उम्मीदवार के तौर पर विधायक रहे। हरियाणा बनने के बाद पं. भगवत दयाल शर्मा मुख्यमंत्री बने। 3 महीने 21 दिन के पश्चात हरियाणा प्रदेश का पहला विधानसभा चुनाव हुआ। 48 सीटें प्राप्त कर कांग्रेस ने पं. भगवत दयाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार बनाई। 10 मार्च 1967 को 13 दिन बाद ही राजनीतिक उठापटक में पं. भगवत दयाल शर्मा की कुर्सी छिन गई। खादर की धरती को करनाल सीट से मनोहरलाल के तौर पर सीएम मिला है। इस बार भी सत्ता परिवर्तन में खादर क्षेत्र का अहम योगदान रहा।

खादर की मिट्टी का कर्ज अदा करते हुए सितम्बर 2000 में सिडनी में हुए ओलंपिक खेलों में यमुनानगर की बहू कर्णम मल्लेश्वरी 69 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में मेडल पाने वाली पहली भारतीय महिला बनी। सोनीपत के भालगढ़ में भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा चौधरी देवीलाल उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र, रोई में स्पोर्टस स्कूल, राजीव गांधी खेल स्टेडिमय में हॉकी के लिए आधुनिक मैदान है। उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र में कुश्ती, जूनियर मुक्केबाजी, कबड्?डी और तीरंदाजी के नेशनल कैंप लगते रहते हैं। सोनीपत जिले के हर गांव में युवा और बच्चे खेलों में भागीदारी दे रहे हैं। हॉकी की भारतीय टीम के मंदीप अंतिल कप्तान रह चुके, प्रीतम सिवाच कोच व कैप्टन रह चुके। कुश्ती में योगेश्वर दत्त ओलंपिक में ब्रांज मेडल, अमित दहिया ओलंपियन रहे, मौसम खत्री ने एशियाड मेडल, अनिल खत्री कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल, सीमा अंतिल ने एथलेटिक्स में एशियाड व कॉमनवेल्थ में मेडल पाया। बैडमिंटन में सौरव शर्मा राष्ट्रीय सीनियर टीम में शामिल है। पानीपत के बांध के सुरजीत बांध हिंद केसरी बने हैं। कबड्?डी कोच आरएस खोखरी बताते हैं कि कबड्?डी में हरियाणा का हमेशा दबदबा रहा है। कबड्?डी में पानीपत और सोनीपत जिले से अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले हैं।
सेना का जज्बा : खादर ने भी देश को दिए अनेक वीर
अंबाला के बोह गांव के सुबेदार अजमेर सिंह को 1965 में वीर चक्र, सोनीपत के बढ़ाणा निरधन के नायक मुंशीराम को 1962 में वीर चक्र, करनाल के उपलाना गांव के कर्नल देवेंद्र सिंह राजपूत को 1971 में वीर चक्र, सोनीपत के सिसाना के कर्नल होशियार सिंह को 1971 में परमवीर चक्र, अंबाला के मेजर विजय रतन चौधरी को 1971 में महावीर चक्र मिला। सेना से सेवानिवृत पानीपत के कर्नल आरसी नागपाल के अनुसार सेना में जीटी रोड बेल्ट के युवाओं की भूमिका अहम रही है। सेना की भर्ती के लिए 30 हजार के करीब युवा खादर के जिलों में प्रैक्टिस कर रहे हैं। पिछले साल हुई भर्ती में सोनीपत, पानीपत जिले से ही 10 हजार युवा भर्ती में शामिल हुए।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें