हरियाणा का जींद जिला जहां रागों और सुर ताल पर रखे हैं गांवों के नाम

जितेंद्र बूरा. हरि के हरियाणा में जींद रियासत का अपना रुतबा रहा है। अब जींद जिला प्रदेश के सबसे पुराने जिलों में शामिल है। सरस्वती के कांठे जींद की थाटी के अनेक गांव के नाम भारतीय शास्त्रीय संगीत के रागों के नाम पर रखे गए हैं। ये अजब बात है कि जींद रियासत के राजा सरूप सिंह और रघबीर सिंह संगीत प्रेमी थे जिन्होंने जींद के ज्यादातर गांवों के नाम भारतीय शास्त्रीय संगीत के राग, रागनी, ताल, लय के नाम पर रखे। इस धरती को ज्ञान, विद्या, कला, संगीत की देवी सरस्वती नदी को आधार मानकर इन गांवों को ऐसे नाम दिए। इन गांवों के नाम रागों पर आधारित होने के पीछे जींद रियासत के राजाओं काशास्त्रीय संगीत और साहित्य प्रेम और सरस्वती नदी का इस क्षेत्र के आसपास होना रहा है। जींद रियासत दिल्ली दरबार के अधीन होने के नाते क्षेत्र के लोगों की कला का प्रयोग सैनिकों के मनोरंजन के लिए करती थी यही वजह है कि यहां के लोगों को राजदरबार में पूरा सम्मान मिलता रहा। पुराने वाद्ययंत्रों के बजाने वाले जितने इस क्षेत्र में थे कहीं और नहीं थे। जींद से मात्र २२ किलोमीटर दूर सरस्वती नदी का गांव था राखीगढ़ी। खुदाई के दौरा...