बॉलीवुड भी है फिदा, हम हैं हरियाणवी, म्हारी बोली म्हारा "डिठोरा" ( स्वाभिमान )
जितेंद्र बूरा...
हरियाणा की माटी में खेलकर बड़े हुए। अब बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में भेज रहे हैं। स्कूल में हरियाणवी तो दूर हिंदी तक बोलने पर पाबंदी लगाई जा रही है। घर पर बच्चे हरियाणवी बोले तो मां-बाप डांटतें है, भले खुद खूब हरियाणवी बोलते हैं। यही सोच हरियाणवी पहचान को खो रही है...।
...दूसरी तरफ म्हारी बोली आज देशभर मै खूब पसंद करी जा री स। बॉलीवुड वाले भी याड़ै करोड़ों खर्च करकै फिल्म बणा रहे हैं। फिल्म व सीरियल मै कोई न कोई हरियाणवी बोली बोलणे वाला किरदार शामिल किया जा रहा है। कार्टून सीरियल तक में हरियाणवी बोली आगी । जाट की जुगनी जैसे सीरियल तो पूरी तरह हरियाणवी में खूब अच्छे चले हैं। तो हरियाणवी बोलण में शर्म किसी...या तो म्हारा स्वाभिमान स ।
हरियाणवी बोली पर कमा रहा बॉलीवुड
देशभर में पसंद की जा रही हरियाणवी बोली पर बॉलीवुड भी फिदा है। हमारी बोली, संस्कृति, सामाजिक ढांचे और परिवेश पर आधारित तकरीबन 300 करोड़ से ज्यादा की बॉलीवुड फिल्में बने चुकी हैं और एक हजार करोड़ से अधिक कमा चुकी हैं। मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की दंगल हो या सुपरस्टार सलमान खान की सुलतान। खूब कारोबार किया है। हिंदी की उपभाषा और देश में महज 2% हिस्सेदारी रखने वाली हरियाणवी बोली आज करोड़ों की हो गई है। तकरीबन हर तीसरी फिल्म, रियल्टी शो और सीरियल्स में हरियाणा की झलक मिल जाती है। हमारे खेल-खिलाड़ी, खाप, ऑनर किलिंग, भ्रूणहत्या जैसे मुद्दों पर फिल्में बन रही हैं। शूटिंग के लिए भी हरियाणा की लोकेशन पहली पसंद बन रही है। अब तो रामायण भी हरियाणवी में डबिंग हो चुकी है। आमिर की ‘दंगल’। फिल्म भिवानी के गांव बलाली की पहलवान बहनों गीता और बबीता पर आधारित रही।
बड़े सितारे हरियाणवी सीखने के लिए लाखों रुपए फीस देकर बाकायदा ट्यूशन ले रहे हैं। बॉलीवुड के बड़े-बड़े कलाकार हरियाणवी सीखने के लिए लाखों रुपए खर्च कर ट्रेनिंग ले रहे हैं। अभिनेत्री कंगना रनौत ने फिल्म ‘तन्नू वेड्स मन्नू रिटर्न्स’ के लिए मुंबई में रहने वाली हरियाणा की सुनीता से बोली सीखी। बहादुरगढ़ के गांव लोवा खुर्द के एक मकान में इस फिल्म की शूटिंग भी की। मिस्टर परफैक्शनिस्ट आमिर खान मुंबई में ही हरियाणा के प्रवीन भारद्वाज से ट्रेनिंग ली। रोनित रॉय ने हरियाणवी सीखने को छह माह के लिए शिक्षक रखा। कई और कलाकार भी इसे सीख रहे हैं।

‘धरती’ से ‘पगड़ी’ तक का सफर दो करोड़ में
1968 में पहली हरियाणवी फिल्म ‘धरती’ बनी। 1973 में ‘बीरा सेरा’। 1984 में बनी ‘चंन्द्रावल’ ने तो कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसके गीत ‘जीजा तू काला, मैं गोरी घणी’ ने तो हरियाणवी सिनेमा में जान फूंक दी। इसके बाद लाडो, बसंती, फूल बदन, लीलो चमन, हरे कांच की चूड़ियां जैसी हरियाणवी फिल्में बनीं। अब तक करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से हरियाणवी फिल्में बनी हैं।
फिल्मों के केंद्र में हमारी संस्कृति, खेल, खाप और बेटियां
हमारे खेल, खाप बेटियों पर फिल्में बन रही हैं। 48 करोड़ रु. से बनी ‘मटरू की बिजली का मंडोला’, 14 करोड़ की ‘एनएच-10’, 30 करोड़ की ‘तन्नू वेड्स मन्नू रिटर्न्स’, ‘किल दिल’ ‘खाप’ फिल्म की ज्यादातर शूटिंग बहादुरगढ़ में हुई है। ‘ना आना इस देश लाडो’ सीरियल में मेघना मलिक के अम्मा वाले किरदार ने हमारी बोली को छोटे पर्दे पर पहचान दिलाई। हमारी संस्कृति की शान अब सीरियल में दिखाई जा रही है। रणदीप हुड्डा की लाल रंग फिल्म को
हरियाणा व अन्य जगह वाहवाही मिली।
हरियाणवी एल्बम का हुआ रूका व फिल्मों का लौटा दौर

बॉलीवुड में हमारे सितारे
रोहतक सेफिल्म निर्देशक सुभाष घई, अभिनेता रणदीप हुड्डा, हिसारसेअभिनेत्री मल्लिका सेहरावत, यशपाल शर्मा, गिरीश धनेजा, रमेश जुगलान जींदसेसीताराम पांचाल, बॉबी कुमार अम्बालासेओमपुरी, पानीपतसेमोहित अहलावत, राजेंद्र गुप्ता, दरियाव मलिक, सोनीपतसे मेघनामलिक, जयदीप अहलावत जैसे करीब 50 कलाकार।
अलग फिल्म नीति बने तो खूब फलेगा सिनेमा
बजटके अभाव में अच्छी फिल्मों की कमी रही हैं। गायक निर्माता कंपनियों को पैसे देकर एलबम रिलीज कराते हैं। सरकार अलग फिल्म नीति बना दे तो सिनेमा खूब फलेगा।
- रमेश जुगलान, अध्यक्ष, नॉर्थ इंडिया फिल्म, प्रोड्यूशर्स एसोसिएशन
हरियाणवी फिल्में प्रदेश में टैक्स फ्री हों
सरकार यूपी की तर्ज पर सब्सिडी दे। 60% शूटिंग कलाकार यूपी से होने पर वहां ढाई करोड़ रु. की सब्सिडी है। हरियाणवी फिल्म प्रदेश में टैक्स फ्री होनी चाहिए।
- राजीव भाटिया, निर्देशक, ‘पगड़ी’
मनोरंजन टैक्स सिनेमा पर खर्च होना चाहिए
हरियाणवी संगीत का चैनल जल्द लॉन्च करेंगे। राज्य सरकार सिर्फ मनोरंजन टैक्स ही हरियाणवी सिनेमा और कलाकारों के लिए इस्तेमाल करे तो फिल्मी करोबार बढ़ेगा।
- हरविंद्र मलिक, निर्माता एवं निर्देशक
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