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जो शरीर न दिक्कत दे वो खाणा ठीक नही, गैर टेम बिराणे घर में जाणा ठीक नही

बड़े बुड्ढे कह गए सुथरी नार,, हाथ मे हथियार, एक तरफ़ा प्यार और फददू यार... ले कै # बैठण के हो सै। : कुछ काम की बात जो म्हारे दादे -परदादे बता कै गए सै... 1 . जो शरीर नै तंग करै वो खाणा ठीक नही वेवक्त घरां गैर के जाणा ठीक नही! 2 . जार की यारी, वेश्या का ठिकाणा ठीक नही ! ख़ुशी के टेम पै मातम का गाणा ठीक नही !! 3. बीर नै ज्यादा मुंह के लाणा ठीक नही ! बेटी हो घर की शोभा, घणा घुमाणा ठीक नही !! 4 पास के धन तै काम चालज्या तै कर्जा ठाना ठीक नही ! भाईचारे तै रहना चाहिए बेबात, गुस्सा ठाना ठीक नही !! 5 . सुसराड में जमाई, बेटी कै बाप और गाम मैं साला ठीक नही ! पछीत मैं बारना, घर के बीच मैं नाला ठीक नही!! 6 . ऐश करण नै माल बिराना ठीक नही   अर तिल हो धोले रंग का, दाल मैं क़ाला ठीक नही ! हरियाणा कै बुजरगौ की काहवत ऐकला छौरा, ऊट बै मौहरा, दुर का नौहरा {हमैशा तंग ही करै है} काश की कायरी, पुलिसए की यारी, गधै की सवारी {कभी भी धौखा दे सकती है} पछीत मै आला, आंख मै जाला, घर मै साला {हमेशा सेध्या करै} बीन बाजती, बीर नाचती,  कौयल कुकानंती {द...

हरियाणा में गाए गए 24 प्रसिद्ध सांग, हर रागणी में मिलता है जीवन का मर्म

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जितेंद्र बूरा... ले कै दे दे, कर कै खा ले, उस तै कौण जबर हो स। नूगरा माणस, नजर फेर ज्या, समझणिए की मर हो स। मतलब- किसी से लिया वापस दे देना, अपनी मेहनत करके खाना, उस व्यक्ति से अच्छा और कोई नहीं है।              चालाक आदमी समय आने पर दोस्ती व रिश्तेदारी भूल नजरें बदल जाता हैं, समाज में बस अच्छे बुरे की समझने वाले को ही परेशानी झेलनी पड़ती है। हरियाणा के शेक्सपियर कहे जाने वाले 1901 में सोनीपत के जाटी कलां में जन्में पं. लख्मीचंद कभी स्कूल नहीं गए लेकिन सूर्य कवि की उपाधि प्राप्त प्रदेश की इस महान शख्सियत के सांग और रागनियां पिछले 100 साल से उत्तर भारतियों के मनाेरंज के साथ प्रेरणा बनी हैं। 100 साल बाद भी भविष्य के हालात पर लिखे बोल समय के साथ सच साबित भी हो रहे हैं। 1945 में इस दुनिया से विदा हुए पं. लख्मीचंद ने 44 की उम्र तक 19 से अधिक सांग और हजारों रचनाएं दी। राजाराम शास्त्री ने सन् 1958 में प्रकाशित अपनी पुस्तक 'हरियाणा लोक मंच की कहानियां' में लिखा है कि लगभग सवा दो सौ वर्ष पूर्व जिस ज्योति को किशन लाल भाट ने प्रज्वलित किया, एक...

जींद रियासत के बटेऊ (दामाद) ने 1915 में ही देश के बाहर बना दी थी 'आजाद हिंद' सरकार! नोबेल के लिए हुए थे नॉमिनेट, अब इनके नाम से बनेगी यूनिवर्सिटी

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इतिहास के पन्नों में औझल देश की आजादी के भागीदार महान शख्सियत की गाथा..  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम से यूनिवर्सिटी बनाने के लिए किया है शिलान्यास जितेंद्र बूरा.. हरियाणा के जींद जिले की जनता को भले ही आजादी के बाद वर्ष 1948 में जींद रियासत से आजादी मिली। लेकिन इसी रियासत के बटेऊ यानि दामाद ने 1915 में ही देश के बाहर आजाद हिंद सरकार! का गठन कर दिया था। यह थे वर्ष 1901 में  जींद नरेश महाराज रणवीर सिंह की छोटी बहन बलवीर कौर  से धूमधाम से शादी करने वाले उत्तर प्रदेश के हाथरस के हिंदू राजा महेंद्र प्रताप सिंह। 25 दिसंबर 2015 का दिन था। दुनिया क्रिसमस मना रही थी, भारत में वाजपेयी जी का जन्मदिन मनाया जा रहा था तो पाकिस्तान में जिन्ना के साथ-साथ नवाज शरीफ की सालगिरह। पीएम मोदी रूस से सीधे अफगानिस्तान के काबूल में पहुंचे। यहीं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह की तरीफ अपने भाषण में कर उनकी देश के प्रति भागीदारी को दोबारा दिलों में जगा दिया। इसके बाद  प्रधानमंत्री ने 14 सितंबर 2021 को अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर यूनि...