जो शरीर न दिक्कत दे वो खाणा ठीक नही, गैर टेम बिराणे घर में जाणा ठीक नही
बड़े बुड्ढे कह गए सुथरी नार,, हाथ मे हथियार, एक तरफ़ा प्यार और फददू यार... ले कै # बैठण के हो सै। : कुछ काम की बात जो म्हारे दादे -परदादे बता कै गए सै... 1 . जो शरीर नै तंग करै वो खाणा ठीक नही वेवक्त घरां गैर के जाणा ठीक नही! 2 . जार की यारी, वेश्या का ठिकाणा ठीक नही ! ख़ुशी के टेम पै मातम का गाणा ठीक नही !! 3. बीर नै ज्यादा मुंह के लाणा ठीक नही ! बेटी हो घर की शोभा, घणा घुमाणा ठीक नही !! 4 पास के धन तै काम चालज्या तै कर्जा ठाना ठीक नही ! भाईचारे तै रहना चाहिए बेबात, गुस्सा ठाना ठीक नही !! 5 . सुसराड में जमाई, बेटी कै बाप और गाम मैं साला ठीक नही ! पछीत मैं बारना, घर के बीच मैं नाला ठीक नही!! 6 . ऐश करण नै माल बिराना ठीक नही अर तिल हो धोले रंग का, दाल मैं क़ाला ठीक नही ! हरियाणा कै बुजरगौ की काहवत ऐकला छौरा, ऊट बै मौहरा, दुर का नौहरा {हमैशा तंग ही करै है} काश की कायरी, पुलिसए की यारी, गधै की सवारी {कभी भी धौखा दे सकती है} पछीत मै आला, आंख मै जाला, घर मै साला {हमेशा सेध्या करै} बीन बाजती, बीर नाचती, कौयल कुकानंती {द...