साल में एक महीना खाली हो जाता है यह गांव

- बच्चों, पशुओं व जरूरी सामान के साथ खेतों में खुले में चलती है जीवन शैली - 40 साल से यमुना में जलभराव का दंश झेल रहा टोकी मनोली गांव जितेंद्र बूरा. सुनने में हैरान कर देने वाला है लेकिन यह सच है। सोनीपत जिले में यमुना किनारे बसा टोकी मनौली गांव ऐसा है जो साल में एक महीना पूरी तरह खाली हो जाता है। लोग अपने आशियाने छोड़कर बच्चों, पशुओं व अन्य जरूरी सामान को लेकर गांव से बाहर खेतों में बने कोठरे या बांध पर रात गुजारते हैं। वहीं पर खाने-पीने से लेकर दैनिक दिनचर्या चलती है। पिछले 40 साल से यह लोग यमुना किनारे बसे होने का दंश झेल रहे हैं। टोकी मनोली गांव एक तरह से तीन हिस्सों में बंटा है। इसकी अपनी पंचायत भी है। गांव का एक हिस्सा यमुना बांध से पार है तो एक हिस्सा यमुना बांध के अंदर की तरफ है। एक मनोली के साथ लगता हुआ है। बांध के अंदर बसे गांव में डेढ़ सौ से अधिक मकान है। गांव की कुल आबादी दो हजार के करीब है। इसमें आधी आबादी बांध के अंदर के हिस्से में रह रही है। जुलाई के अंतिम दिनों और अगस्त में मानसून बरसने लगता है तो यमुना में भी जल स्तर बढ़ने लगता है। इसके साथ ही इन परिवारों की चिंता भी ब...