खरखौदा का इतिहास करीब 1100 वर्ष पहले बसा था खरखौदा, आईएमटी मारुति तक पहुंचा विकास का सफर

खरखौदा का इतिहास करीब 1100 वर्ष पहले बसा था खरखौदा, आईएमटी मारुति तक पहुंचा विकास का सफर -सीबीआई चीफ व आरबीआई गर्वनर दिए हैं खरखौदा ने खरखौदा: इतिहासकारों के मुताबिक खरखौदा एक इस्लामिक नाम हैं, उत्तर प्रदेश में भी मेरठ के पास एक खरखौदा है। दोनों ही क्षेत्रों में इस्लामिक वर्चस्व सदियों तक रहा है। बताया जाता है कि खैरे खुदा, खुदा खैर करे, खुदा की खैर हुई, इन शब्दों से खरखौदा का नाम अस्तित्व में आया है। इतिहासकार यशपाल गुलिया की पुस्तक में इस तरह का विवरण बताया जाता है। हालांकि खरखौदा के नाम की प्रशासनिक पुष्टि तो नहीं है। खरखौदा का एक गांव ऐसा है जहां पर जमीनें तो हैं, लेकिन आबादी नहीं है। इतिहासकारों के मुताबिक मौजूदा हाल में दिल्ली से सटा एवं रोहतक, सोनीपत व झज्जर के मध्य स्थित खरखौदा शहर करीब 1100 वर्ष पहले बसा था, इसके आसपास कई गांवों भी बसे हुए थे। इसी के आसपास ददरेड़ा, राजस्थान से लोग आकर बरोणा खेड़ा में भी बसे थे। सबकुछ ठीक ठाक चलता रहा। देश की सत्ता मुगलों के अधीन थी, करीब वर्ष 1705 ई. में मुगलों ने खरखौदा का रियासत बना दी और बहादुरगढ़ रियासत...