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दूल्हा भट्टी ( दुल्ला सरदार ) की कहानी और लोहड़ी पर्व

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दूल्हा भट्टी ( दुल्ला सरदार )की कहानी ( लोहड़ी पर्व ) लोहड़ी पंजाब में मनाया जाने वाला पर्व है जो पंजाब से अलग हो चुके प्रान्तों जैसे हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में भी उसी उत्साह के साथ मनाया जाता है | इन प्रदेशों से आकर जो प्रवासी देश के विभिन्न भागों में बस गये हैं वहाँ भी ये लोग उसी उमंग और उत्साह के साथ इस पर्व को मनाते हैं | बच्चे घर-घर जाकर गीत गाते हुए लोहड़ी का उपहार माँगते हैं और बदले में लकड़ियाँ, मिठाई, गजक, रेवड़ी इत्यादि उन्हें दिये जाते हैं | देर शाम किसी सार्वजनिक स्थल पर सभी लोग एकत्रित होते हैं और लकड़ियों को जला कर उसके चारों तरफ परिक्रमा लगाते हुए गीत गाते हैं और जोश और उल्लास के साथ भांगड़ा और गिद्धा करते हैं | तिल, गुड़, मूंगफली, गजक, रेवड़ी और अन्य भुने हुए अनाज खाते भी हैं और सबको बाँटते भी हैं ! इस पर्व से जुड़ी हुई एक रोचक लोक कथा भी है जो दर्द भरी तो अवश्य है लेकिन हर सूरत में जन मानस का उत्साह बढ़ाने में कारगर है ! इस कथा का नायक है दूल्हा भट्टी | वाघा बॉर्डर से लगभग 200 किलोमीटर पार, पाकिस्तान के पंजाब में पिंडी भट्टियां है। वहीं लद्दी और फरीद के यहां 1547 में ...